तेलंगाना सरकार ने इस महीने की 28 तारीख तक सामाजिक-आर्थिक, शैक्षणिक, रोजगार, राजनीतिक और जाति सर्वेक्षण में गणना करने के लिए घरों के विवरण की जानकारी दर्ज करने का काम शुरू किया है।
सरकार ने घोषणा की थी कि जो लोग पहले गणनाकर्ताओं को विवरण नहीं दे पाए थे, अब दे सकते हैं। अनुमान है कि राज्य की कुल आबादी का लगभग 3.1 प्रतिशत, यानी साढ़े तीन लाख से अधिक परिवार पहले सर्वेक्षण में भाग नहीं ले पाए थे।
राज्य में जाति सर्वेक्षण को लेकर बहस हुई जिसमें भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव ने इस काम की आलोचना की, जबकि कुछ पिछड़ा वर्ग संघों ने आपत्ति जताई है।
श्री राव ने आरोप लगाया है कि आकड़े अधूरे हैं। इस बीच, राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पी. प्रभाकर ने बीआरएस पर ‘पिछड़ा विरोधी’ मानसिकता का आरोप लगाया क्योंकि इसके शीर्ष नेताओं ने सर्वेक्षण में भाग नहीं लिया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय ने भी आलोचना की कि कांग्रेस ने सर्वेक्षण में पिछड़े वर्ग की आबादी को कम कर दिया।
राज्य में पिछले साल दिसंबर में सामाजिक-आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षिक, रोजगार और जाति सर्वेक्षण किया गया था। राज्य योजना विभाग ने जानकारी जुटाने के लिए तीन विधियों की घोषणा की है। गणना का अनुरोध करने के लिए राज्य में कहीं से भी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच 040 – 211-111-11 पर कॉल की जा सकती है। नामित अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि कॉल सत्यापन के बाद गणनाकर्ता घर का दौरा करें।
इसके अतिरिक्त, परिवार अपना विवरण दर्ज कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मंडल परिषद विकास अधिकारी कार्यालयों और शहरी क्षेत्रों में वार्ड कार्यालयों में जा सकते हैं। सर्वेक्षण फॉर्म भरने में सहायता के लिए इन केंद्रों पर प्रशिक्षित कर्मचारी उपलब्ध रहेंगे। सर्वेक्षण फॉर्म https://seeepcsurvey.cgg.gov.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है