केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कल नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में देश के पहले स्वदेशी स्वचालित जैव अपशिष्ट कचरा निस्तारण उपकरण – सृजनम का शुभारंभ किया। तिरुवनंतपुरम में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय अंतर अनुशासनात्मक विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान की ओर से विकसित यह देश में अपनी तरह का पहला उपकरण है।
इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कचरे से कंचन की ओर बढ़ने के लिए आदर्श बदलाव का आह्वान किया और स्थिरता तथा पर्यावरण संबंधी चिंताओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारत में आए आर्थिक परिवर्तन का भी उल्लेख किया और कहा कि देश अब पांच दुर्बल देशों में से निकलकर प्रथम पांच समूह का सदस्य बन गया है और निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने नए जैव अपशिष्ट कचरा निस्तारण उपकरण के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो स्वास्थ्य सुविधाओं में अपशिष्ट प्रबंधन में क्रांति लाने के लिए तैयार है।
सृजनम उपकरण को महंगे और ऊर्जा-गहन भस्मक पर निर्भरता के बिना, रक्त, मूत्र, थूक और प्रयोगशाला डिस्पोजेबल सहित रोगजनक बायोमेडिकल अपशिष्ट को कीटाणुरहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उल्लेखनीय रूप से यह उपकरण दुर्गंध को भी बेअसर करता है तथा विषाक्त अपशिष्ट को सुखद सुगंध प्रदान करता है। 400 किलोग्राम की दैनिक क्षमता के साथ यह उपकरण प्रारंभिक चरण में प्रतिदिन 10 किलोग्राम अपघटनीय चिकित्सा अपशिष्ट के निस्तारण में सक्षम है।