राज्यसभा में आज केंद्रीय बजट 2025-26 पर चर्चा जारी है। चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के पी. चिदंबरम ने कहा कि मौजूदा सरकार के दौरान जी डी पी में देश के विनिर्माण क्षेत्र की भागीदारी कम हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण 2025 का उल्लेख करते हुए श्री चिदंबरम ने कहा कि वर्ष 2014 में विनिर्माण क्षेत्र की भागीदारी 15 दशमलव शून्य सात प्रतिशत था। जो वर्ष 2019 में गिरकर 13 दशमलव चार छह प्रतिशत और वर्ष 2023 में 12 दशमलव नौ तीन प्रतिशत रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन विनिर्माण में दी गई छूट और दोनों ही क्षेत्र में सरकार विफल रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने बेरोजगारी के स्पष्ट आंकड़े नहीं दिए हैं। उनका कहना था कि युवाओं में दस प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी है, जबकि स्नातकों में यह लगभग 13 प्रतिशत है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का दावा है कि बेरोजगारी केवल 3 दशमलव दो प्रतिशत है। उन्होंने अमरीका से भारतीय नागरिकों को स्वदेश भेजने के मुद्दे पर भी सरकार की आलोचना की।
कांग्रेस सदस्यों के आरोपों का जवाब देते हुए सदन के नेता जेपी नड्डा ने विनिर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सूची पेश की। उन्होंने स्पष्ट किया कि अप्रवासियों के स्वदेश भेजने की मानक संचालन प्रक्रिया वर्ष 2012 से ही लागू है। चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी ने दिनेश शर्मा ने कहा कि इस बजट में महिलाओं और समाज के अन्य पिछड़े क्षेत्रों को सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। चर्चा जारी है।
चर्चा में भाग लेते हुए डीएमके पार्टी के तिरुचि शिवा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों को मिलने वाली केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए अपना हिस्सा जारी नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों को धन का हस्तांतरण भी तर्कसंगत नहीं है।
उन्होंने आलोचना की कि प्रत्यक्ष करों का संग्रह कम हो गया है और सरकार ने आम लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जीएसटी और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को कम करने के लिए कोई उपाय नहीं किए है। वाईएसआरसीपी के जी. बाबू राव ने कहा कि एमजीएनआरईजीपी और पीएम किसान के तहत बजटीय आवंटन समान रहे हैं, जबकि ऐसे कार्यक्रमों के लिए अधिक आवंटन की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि महिला सशक्तीकरण और पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए किए गए आवंटन का पूरा उपयोग और खर्च किया जाना चाहिए। चर्चा के दौरान बीजू जनता दल के देबाशीष सामंतराय ने केंद्र से ओडिशा राज्य को विशेष दर्जा देने, खनिजों पर रॉयल्टी बढ़ाने के अलावा राज्य को रेलवे परियोजनाएं देने की मांग की। आम बजट में तमिलनाडु को अधिक आवंटन की मांग का समर्थन करते हुए एआईएएमडीके पार्टी के डॉ. एम. थंबीदुरई ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में डीएमके सरकार आवास सहित कई योजनाओं को लागू करने में विफल रही है।
चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना के मिलिंद मुरली देवड़ा ने बजट की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति पर है। केरल कांग्रेस (एम) के जोस के. मणि ने केरल को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान- एम्स की मंजूरी न देने के लिए सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि केंद्र रबर किसानों के हितों की रक्षा करने में विफल रहा है।
चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी की डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी ने बजट को राष्ट्रवादी और समावेशी बताया। डॉ. मेधा ने कहा कि बजट देश के सभी वर्गों को संतुष्ट करेगा और वित्त मंत्री द्वारा घोषित निर्णयों से विशेष रूप से मध्यम वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा।
चर्चा में भाग लेने वालों में समाजवादी पार्टी के रामजी लाल सुमन और एजीपी के बीरेंद्र प्रसाद बैश्य शामिल थे। चर्चा जारी है।