अगरतला, 10 फरवरी: समाज के प्रत्येक व्यक्ति को, जिसमें छात्र भी शामिल हैं, नशीले पदार्थों के विरुद्ध युद्ध की घोषणा करनी होगी। हमें समाज को नशीली दवाओं की लत के खतरों से बचाने के लिए मिलकर काम करना होगा। मुख्यमंत्री प्रोफेसर डॉ. माणिक साहा ने सोमवार को अगरतला के रवींद्र शताब्दी भवन में अंतर-कॉलेज प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ‘जागृति – 2025’ का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. साहा ने कहा कि वर्तमान समय में इस तरह की क्विज प्रतियोगिताएं आवश्यक हैं। सड़क दुर्घटनाओं के कारण हमने बहुमूल्य मानव संसाधन खो दिया है। ऐसा सिर्फ हमारे राज्य में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हो रहा है। और उपभोक्ता संरक्षण के लिए जागरूकता भी महत्वपूर्ण है। हमने नशा मुक्त त्रिपुरा के निर्माण का आह्वान किया है। जहां त्रिपुरा पुलिस और अन्य एजेंसियां इस लक्ष्य को लागू करने के लिए काम कर रही हैं। छात्र देश का भविष्य हैं। हमें, आम जनता सहित, नशीली दवाओं का विरोध जारी रखना चाहिए। जागरूकता महत्वपूर्ण है और इस तरह की प्रतियोगिताएं लोगों में रुचि पैदा करती हैं तथा उन्हें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विद्यार्थियों को देश के संसाधनों तथा उनके उपभोक्ता और सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करना राज्य सरकार के लिए मददगार होगा। हमारे राज्य के छात्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर बड़ी ख्याति प्राप्त कर रहे हैं। त्रिपुरा के बिलोनिया के एक छात्र को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ परीक्षा की तैयारी में भाग लेने का अवसर मिला। उन्होंने प्रधानमंत्री के सामने हर चीज को खूबसूरती से प्रस्तुत किया और मुझे उन पर गर्व है। उन्होंने हम सबका प्रतिनिधित्व किया। त्रिपुरा के छात्र अब हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति को नशीली दवाओं की आपूर्ति में शामिल लोगों की पहचान करनी चाहिए तथा उनकी सूचना देनी चाहिए। यदि समाज अच्छा होगा तो छात्र भी बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। 30 साल पहले राज्य में स्कूलों और कॉलेजों की स्थिति दयनीय थी। परीक्षण के दौरान बम फेंके गये। हालाँकि, अब स्थिति बदल गई है। लेकिन अब एक नया खतरा सामने आया है – ड्रग्स। इसलिए, सभी को इस दवा के खिलाफ युद्ध की घोषणा करनी चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. साहा ने उपभोक्ता अधिकार एवं संरक्षण को लेकर उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कई सड़क दुर्घटनाओं में लोग हेलमेट ठीक से नहीं पहनते हैं। इसके परिणामस्वरूप गंभीर दुर्घटनाएं और चोटें होती हैं। युवा लोग बाइक तो चला रहे हैं, लेकिन हेलमेट ठीक से नहीं पहन रहे हैं और कई लोग सुरक्षा नियमों की उपेक्षा भी कर रहे हैं। यद्यपि हमारे राज्य में दुर्घटनाओं की संख्या देश के अन्य भागों की तुलना में काफी कम है। फिर भी, हमें सावधान रहना होगा। सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए तेज गति से वाहन चलाना, शराब पीकर वाहन चलाना तथा वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करना बंद करना आवश्यक है। हमने दुर्घटना पीड़ितों के बारे में सोचते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों में ट्रॉमा सेंटर भी स्थापित किए हैं।