वित्त मंत्री ने अप्रत्यक्ष करों में औद्योगिक वस्तुओं के लिए सीमा शुल्क टैरिफ संरचना को युक्तिसंगत बनाने के उपाय किए हैं। इनके अंतर्गत सात टैरिफ दरों को हटाने का प्रस्ताव किया गया है। ये प्रस्ताव 2023-24 के बजट में हटाई गई सात टैरिफ दरों के अतिरिक्त हैं। बजट में औषधि/दवाओं के आयात पर राहत देने के प्रस्ताव किया गया है।
विशेष रूप से कैंसर, असाधारण रोगों और अन्य गंभीर जीर्ण रोगों से पीडि़त रोगियों को राहत देने के लिए 36 जीवन रक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा-शुल्क से पूरी तरह छूट प्राप्त दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री ने इलैक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल फोन बैटरी विनिर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को छूट-प्राप्त पूंजीगत वस्तुओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव किया है।
बजट में स्वैच्छिक अनुपालन का नया प्रावधान शुरू करने का प्रस्ताव है। इसके अंतर्गत आयातक या निर्यातक माल की मंजूरी के बाद स्वेच्छा से महत्वपूर्ण तथ्यों की घोषणा कर सकेंगे और जुर्माना रहित ब्याज सहित शुल्क का भुगतान कर सकेंगे।
प्रत्यक्ष कर
वित्त मंत्री ने स्रोत पर कर कटौती- टीडीएस की दरों और सीमाओं की संख्या कम करके उसे युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा बेहतर स्पष्टता और एकरूपता के लिए टीडीएस के लिए राशि की सीमा बढ़ाई जा रही है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कटौती की सीमा पचास हजार से बढ़ाकर एक लाख की जा रही है।
इसी प्रकार किराए पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा दो लाख चालीस हजार से बढ़ाकर छह लाख कर दी गई है। इससे टीडीएस देयता वाले लेन-देनो की संख्या में कमी आएगी और कम भुगतान पाने वाले छोटे करदाता लाभान्वित होंगे। कर सुधारों को आगे बढ़ाते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार नया आयकर विधेयक प्रस्तुत करेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत धन प्रेषण स्कीम के अंतर्गत धन प्रेषणों पर टीडीएस की सीमा सात लाख से बढ़ाकर दस लाख करने का प्रस्ताव है।
माल की बिक्री से जुड़े लेन-देन पर टीडीएस और टीसीएस दोनों लागू किए जा रहे हैं। बजट में अनुपालन से जुड़ी ऐसी कठिनाइयों से बचने के लिए टीसीएस को हटाने का प्रस्ताव किया गया है।
स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए अब किसी भी कर निर्धारण वर्ष के लिए अद्यतन विवरणी दाखिल करने की समय सीमा को मौजूदा दो वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया है। छोटे धर्मार्थ न्यासों/ संस्थाओं की पंजीकरण अवधि बढ़ाकर पांच वर्ष से दस वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया है ताकि उनका अनुपालन बोझ कम किया जा सके।
संशो. व्यक्तिगत आय कर
वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यम वर्ग भारत के विकास के लिए शक्ति प्रदान करता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्र निर्माण में मध्यम वर्ग की सराहनीय ऊर्जा और क्षमता में विश्वास जताया है। वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था के अंतर्गत 12 लाख तक की आय पर कोई आयकर देय नहीं होगा। इसमें विशिष्ट दर आय जैसे पूंजीगत लाभ को छोड़कर एक लाख रूपए प्रतिमाह की औसत आय पर कोई कर देय नहीं होगा।
वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 75 हजार की मानक कटौती के कारण 12 लाख 75 हजार होगी। बारह लाख रूपए तक की आय वाले करदाताओं के लिए, विशिष्ट आय दर को छोड़कर स्लैब दर में कटौती के कारण होने वाले लाभ के अलावा कर में छूट इस ढंग से प्रदान की जा रही है कि उनके द्वारा कर का कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा सभी करदाताओं को फायदा पहुंचाने के लिए सभी श्रेणियों में कर स्लैब और दरों में परिवर्तन करने के प्रस्ताव हैं। नई संरचना के अनुसार चार लाख रूपए तक कोई कर देय नहीं होगा।
चार से आठ लाख रूपए की आय पर पांच प्रतिशत, आठ से बारह लाख तक दस प्रतिशत, 12 से 16 लाख तक पंद्रह प्रतिशत, सोलह से बीस लाख तक बीस प्रतिशत, बीस से 24 लाख रूपए तक 25 प्रतिशत और 24 लाख रूपए से अधिक आय पर तीस प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि इन प्रस्तावों के परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष करों में सरकार लगभग एक लाख करोड़ और अप्रत्यक्ष करों में दो हजार छह सौ करोड़ रूपए का परित्याग करेगी।
पीएम-स्वनिधि
बजट में पीएम स्वनिधि योजना को नवीकृत करने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना ने उच्च ब्याज दर वाले अनौपचारिक क्षेत्र के ऋणों से राहत पहुंचाते हुए 68 लाख स्ट्रीट वेंडरों को लाभान्वित किया है। इस स्कीम को बैंकों से संवर्धित ऋण, तीस हजार रूपए की सीमा के साथ यूपीआई से संबंद्ध क्रेडिट कार्डों और क्षमता विकास सहायता के साथ जारी रखा जाएगा।
अर्थव्यवस्था में निवेश
पूंजीगत व्यय और सुधारों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों को पचास वर्ष की अवधि वाले ब्याज मुक्त ऋणों के लिए डेढ़ लाख करोड़ रूपए के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है।
जल जीवन मिशन का विस्तार 2028 तक करने की घोषणा की गई है। इसके अंतर्गत 2019 से पंद्रह करोड़ से अधिक परिवारों को नल से पेयजल प्रदान किया गया है जो ग्रामीण आबादी का अस्सी प्रतिशत हिस्सा है। सौ प्रतिशत कवरेज हासिल करने के लिए बढ़े हुए परिव्यय के साथ मिशन की कार्यावधि बढ़ाई गई है।
सरकार विद्युत क्षेत्र में राज्यों द्वारा बिजली वितरण सुधारों और अंतर्राज्य ट्रांसमिशन क्षमता के संवर्धन को प्रोत्साहित करेगी। राज्यों को इन सुधारों पर कार्य करने के लिए जीएसडीपी का शून्य दशमलव पांच प्रतिशत अतिरिक्त ऋण लेने की अनुमति दी जाएगी।
वर्ष 2047 तक कम से कम सौ गीगा वॉट परमाणु ऊर्जा के विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ सक्रिय भागीदारी की जाएगी। लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों के अनुसंधान और विकास के लिए बीस हजार करोड़ रूपए के परिव्यय के साथ एक परमाणु ऊर्जा मिशन स्थापित किया जाएगा।
बजट में सामुद्रिक उद्योग के लिए दीर्घावधिक धन उपलब्ध कराने के वास्ते 25 हजार करोड़ रूपए की निधि के साथ एक सामुद्रिक विकास निधि स्थापित की जाएगी। इसमें सरकार की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत होगी जबकि शेष राशि पत्तनों और निजी क्षेत्र से जुटाई जाएगी।
संचार क्षेत्र
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम उडान ने डेढ़ करोड़ मध्यवर्गीय लोगों को तीव्र यात्रा करने में समर्थ बनाया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सफलता से प्रेरित होकर सरकार एक संशोधित उडान स्कीम शुरू करेगी ताकि अगले दस वर्षों में 120 नए गंतव्यों के साथ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सके और चार करोड़ यात्रियों को ऐसी परिवहन सुविधा दी जा सके।
वित्त मंत्री ने बिहार में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डों की सुविधा प्रदान करने की भी घोषणा की ताकि राज्य की भावी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इससे बिहार के इस क्षेत्र में पचास हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बड़ी संख्या में खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा।
वित्तीय सुधार
बीमा क्षेत्र के लिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 74 प्रतिशत से बढ़ाकर सौ प्रतिशत किया जाएगा। यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगी जो भारत में संपूर्ण प्रीमियम का निवेश करेंगे।
भारतीय डाक भुगतान बैंक की सीमाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में दूर तक पहुंचाया जाएगा और इनका विस्तार किया जाएगा।
पेंशन स्कीमों के विनियमित समन्वय और विकास के लिए एक फोरम की स्थापना की जाएगी।
बजट अनुमान
बजट प्रस्तावों के अनुसार 2025-26 में ऋणों के अतिरिक्त कुल प्राप्तियां 34 लाख 96 हजार करोड़ रूपए और कुल व्यय पचास लाख 65 हजार करोड़ रूपए होने का अनुमान है। निवल कर प्राप्तियां 28 लाख 37 हजार करोड़ रूपए रहने का अनुमान है। राजकोषीय घाटा जीडीपी का चार दशमलव चार प्रतिशत रहने का अनुमान है।