तेलंगाना राज्य सरकार ने कल दावोस में विश्व आर्थिक मंच के दौरान ऊर्जा और अंतरिक्ष क्षेत्रों में निवेश से संबंधित समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। सरकार ने स्काईरूट एयरोस्पेस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत राज्य में निजी रॉकेट विनिर्माण, एकीकरण और परीक्षण इकाई स्थापित करने के लिए स्काईरूट एयरोस्पेस 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने प्रसन्नता व्यक्त की है कि हैदराबाद स्थित एक कंपनी ने वैश्विक स्तर पर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सफलता हासिल की है और राज्य में निवेश के लिए आगे आई है। उन्होंने कहा कि स्काईरूट एयरोस्पेस के साथ सरकार की साझेदारी अंतरिक्ष क्षेत्र में उसकी रणनीतिक विशेषज्ञता को प्रदर्शित करेगी और हैदराबाद जल्द ही निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष गतिविधियों का केंद्र बन जाएगा। स्काईरूट एयरोस्पेस के सह-संस्थापक पवन चांदना ने कहा कि वे तेलंगाना में निवेश से प्रसन्न हैं और तेलंगाना, विशेषकर हैदराबाद की विकास गाथा का हिस्सा बनेंगे।
राज्य सरकार ने 13 हजार करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ तीन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि हैदराबाद स्थित बुनियादी ढांचा कंपनी 2160 मेगावाट की पंप स्टोरेज परियोजना, रणनीतिक स्थानों पर 1 हजार मेगावाट की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली और तेलंगाना के अनंतगिरी में एक विश्वस्तरीय वेलनेस रिसॉर्ट स्थापित करेगी। इन तीन परियोजनाओं से निर्माण चरण में 4 हजार नौकरियां और संचालन चरण में और अधिक नौकरियां सृजित होंगी। राज्य के उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने भी एमटीसी समूह के साथ अपने हब-एंड-स्पोक मॉडल को तेलंगाना में विस्तारित करने पर चर्चा की। मित्सुई जापान समूह की एमटीसी समूह में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मंत्री ने दावोस में तेलंगाना मंडप में सऊदी अरब के संघीय मंत्री और जुबैल और यानबू के शाही आयोग के अध्यक्ष खालिद मोहम्मद अल-सलेम से भी मुलाकात की। उन्होंने विभिन्न मुद्दों, साथ मिलकर काम करने की संभावनाओं और तेलंगाना राइजिंग विजन में निवेश के अवसरों पर चर्चा की।