स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा है कि देश में दिमागी दौरों के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि देश में फिलहाल स्ट्रोक के इलाज के लिए लगभग 500 इकाइयां कार्यरत हैं और इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। सुश्री सलिला ने यह बात आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्ट्रोक सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि देश में 66 प्रतिशत मौतें गैर-संचारी रोगों से होती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समय पर इलाज हो, तो स्ट्रोक से बचना बिल्कुल संभव है।
राष्ट्रीय स्ट्रोक सम्मेलन का उद्देश्य देश में स्ट्रोक के बढ़ते मामले की चुनौती से निपटना और स्ट्रोक के बारे में लोगों को जागरूक बनाना है। सम्मेलन में स्ट्रोक से जुडी दो रिपोर्ट भी जारी की गई हैं।