विदेश मंत्री डॉ. सुब्रहम्ण्यम जयशंकर ने कहा है कि जब तक मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं की जाती तब तक पूर्ण विकास के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता। श्री जयशंकर ने कहा कि लैंगिक समानता और महिला विकास भारत की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का अभिन्न अंग है। भुवनेश्वर में आज प्रवासी भारतीय दिवस के चौथे सत्र की अध्यक्षता करते हुए उन्होने यह बात कही।
इस अवसर पर उन्होनें प्रवासी दिवस : महिला नेतृत्व और प्रभाव का जश्न – नारी शक्ति विषय पर चर्चा करते हुए महिलाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। श्री जयशंकर ने कहा कि केवल सरल चुनौतियों का निपटान करने से ही समाज में परिवर्तन नहीं हो सकता।
सत्र में वैश्विक स्तर पर महिला नेताओं की उपलब्धियों पर जोर दिया गया। आज 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आखिरी दिन है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज दोपहर समापन समारोह को संबोधित करेंगी।