प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत के लोकतंत्र की व्यापकता गुरुओं की शिक्षा, साहिबजादों के बलिदान और देश की एकता के मूल मंत्र पर आधारित है।
आज नई दिल्ली में भारत मंडपम में वीर बाल दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुओं की परंपरा ने हमें सबको समान आदर के साथ देखने की शिक्षा दी है और देश का संविधान भी हमें इसी विचार के लिए प्रेरित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वीर साहिबजादों का जीवन हमें सिखाता है कि देश की अखंडता और विचारधारा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि संविधान लोगों को देश की संप्रभुता और एकता को सबसे ऊपर रखने के सिद्धांत की सीख देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह बहुत छोटे थे, मगर उनका साहस आकाश से भी ऊंचा था। उन्होंने कहा कि आज वीर बाल दिवस हमें सिखाता है कि कोई भी परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों ना हो देश और उसके हितों से बड़ी नहीं हो सकती।
श्री मोदी ने कहा कि इतिहास में और वर्तमान में भी युवा ऊर्जा ने भारत की प्रगति में बड़ी भूमिका अदा की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 21वीं सदी के जन आंदोलनों तक देश के युवा ने हर क्रांति में योगदान किया है।
साल 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने गुरू गोविंदसिहं के साहिबजादों को श्रद्धांजलि देने के लिए वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। हमारे संवाददाता ने बताया है कि इस दिवस पर युवाओं में रचनात्मकता बढाने और विकसित भारत में उनके प्रेरक योगदान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान का भी शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य पोषण संबंधी सेवाओं को मजबूती से लागू करना और इस कार्य में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित कर पोषण व्यवस्था मजबूत करना है।
लगभग साढ़े तीन हजार बच्चों और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से पुरस्कृत बालकों ने अन्य गणमान्य लोगों के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया।