आज प्रथम विश्व ध्यान दिवस है। इस दिवस का आयोजन शांति और कल्याण की भावना से तथा होशपूर्वक जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है। समझा जाता है कि तनाव, हिंसा और सामाजिक असंतोष सहित कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर सकने की क्षमता ध्यान में है।
संयुक्त महासभा ने हाल ही में, इस संबंध में भारत द्वारा सह-प्रायोजित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया था। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान को सदियों से अभ्यास में लाया जाता रहा है।
आज इस अवसर पर न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत के स्थायी मिशन के प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में, जाने-माने आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने ध्यान का अभ्यास कराया जिसमें लाखों लोगों ने भागीदारी की। इसमें संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के अध्यक्ष और कैमरून के पूर्व प्रधानमंत्री फिलेमॉन यांग तथा ऑपरेशनल सपोर्ट के अवर महासचिव अतुल खरे ने भी भागीदारी की।