कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित विपक्षी दलों ने एक राष्ट्र, एक चुनाव संबंधी विधेयक लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक के पक्ष में नहीं है और वो इसे पेश किए जाने का विरोध करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक संयुक्त संसदीय समिति को भेजे जाने चाहिए। श्री जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि ये विधेयक संविधान के आधारभूत ढांचे के विरूद्ध हैं।
संसद से बाहर मीडिया से बातचीत में समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेन्द्र यादव ने भी ऐसे ही विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक और राज्यों की आवाज को दबाने वाला है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार की सुश्री सुप्रिया सुल्हे ने विधेयकों की जांच के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेजे जाने की मांग के साथ ही इन विधेयकों पर सभी दलों के विस्तृत विचार-विमर्श पर भी जोर दिया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सांसद झोन ब्रिटास ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक संघवाद के सिद्धांत के विपरीत है और उनकी पार्टी इसका कड़ा विरोध करेगी।