सरकार ने घोषणा की है कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने टेक्स्ट संदेशों के सुरक्षित ट्रांसमिशन और वाणिज्यिक संदेशों के प्रेषकों का पता लगाने को सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय लागू किए हैं।
संदेश ट्रैसेबिलिटी में सुधार करने के लिए ट्राई में अगस्त में ट्रैसेबिलिटी दिशानिर्देश जारी किए थे। दिशार्निदेशों के अनुपालन के लिए कंपनियों 28 अक्टूबर तक का समय दिया गया था लेकिन बाद में तकनीकी उन्नयन के लिए समय सीमा 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई थी।
संचार मंत्रालय ने कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप 27 हजार से अधिक प्रमुख संस्थाओं ने पहले ही संबंधित एक्सेस प्रदाताओं के साथ अपनी श्रृंखला पंजीकृत कर ली है और आगे के पंजीकरण तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। एक्सेस प्रदाता उन प्रमुख संस्थाओं और टेलीमार्केटर्स को चेतावनी नोटिस जारी कर रहे हैं जिन्होंने अभी तक आवश्यक परिवर्तन लागू नहीं किए हैं।
मंत्रालय ने एक्सेस प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि प्रमुख संस्थाएं और टेलीमार्केटर्स 10 दिसंबर तक अपनी श्रृंखला घोषणाएं प्रस्तुत करें। प्रदाताओं को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे उन लोगों को दैनिक चेतावनी जारी करना जारी रखें जिन्होंने पीई-टीएम श्रृंखला बाइंडिंग आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं किया है।
मंत्रालय ने कहा है कि 11 दिसंबर से ऐसे किसी भी संदेश को खारिज कर दिया जाएगा जहां टेलीमार्केटर्स की श्रृंखला परिभाषित नहीं है या पूर्व-निर्धारित श्रृंखला से मेल नहीं खाती है। प्रमुख संस्थाओं, पीई और टेलीमार्केटर्स, टीएम से श्रृंखला की घोषणा में तेजी लाने का आग्रह किया गया है क्योंकि ट्रेसेबिलिटी नियमों को पूरा करने में विफल रहने वाले किसी भी संदेश को अस्वीकार कर दिया जाएगा।