केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कल श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय “सीएसआईआर हेल्थकेयर थीम कॉन्क्लेव” का उद्घाटन किया।
यह सम्मेलन वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद, सीएसआईआर के “एक सप्ताह एक थीम ,ओडब्ल्यूओटी” अभियान के तहत आयोजित किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नवाचार और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है।
अपने उद्घाटन भाषण के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि कैसे देश ने 2014 में केवल कुछ सौ स्टार्टअप से लेकर अब कई हज़ार स्टार्टअप तक का लंबा सफ़र तय किया है, जिसमें कई सफलता की कहानियाँ हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ कंपनियाँ मामूली शुरुआत के बाद अब सैकड़ों लोगों को रोज़गार दे रही हैं और अपने उत्पाद और सेवाएँ न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बेच रही हैं।
उन्होंने वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत के 81वें स्थान से 40वें स्थान पर पहुंचने का उल्लेख किया, जिसमें युवाओं की क्षमता को मान्यता दी गई, जिसे 2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई नीतियों के माध्यम से सामने लाया गया।
डॉ. सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर बनने और विकसित भारत 2047 का लक्ष्य हासिल करने के लिए हेल्थकेयर क्षेत्र में डीप-टेक स्टार्टअप को समर्थन देने की अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में मोदी सरकार 3.0 ने बायोई3 नीति लाई है और स्टार्टअप के लिए 1,000 करोड़ रुपये और औद्योगिक केंद्रों के लिए 2,600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जम्मू और कश्मीर में स्टार्टअप इकोसिस्टम के तेजी से विकास पर जोर दिया, जो पिछले पांच वर्षों में 30 से बढ़कर 350 से अधिक स्टार्टअप तक पहुंच गया है।
इस अवसर पर, जम्मू-कश्मीर के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सतीश शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार अपनी खुद की कंपनियां स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि इससे केंद्र शासित प्रदेश में रोजगार के बहुत आवश्यक अवसर भी उपलब्ध होंगे।
एक सप्ताह एक थीम (ओडब्ल्यूओटी) अभियान डॉ. जितेंद्र सिंह के दिमाग की उपज है, जिसका उद्देश्य सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा की गई वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के बारे में जागरूकता पैदा करना, एमएसएमई, स्टार्टअप्स, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं जैसे हितधारकों के बीच जुड़ाव में सुधार करना, सहयोग को बढ़ावा देना और रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है। इस कार्यक्रम में कई स्टार्टअप्स ने भाग लिया।