केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य (सीमा शुल्क) श्री सुरजीत भुजबल ने कल सीजीएसटी एवं सीमा शुल्क क्षेत्र पुणे द्वारा आयोजित ‘सीमा शुल्क आपूर्ति श्रृंखला में लैंगिक समावेशिता’ विषय पर एक संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अपना मुख्य संबोधन दिया।
अपने संबोधन में श्री भुजबल ने लैंगिक समानता के महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में लैंगिक समावेशिता पर बल दिया, जिसका उद्देश्य लैंगिक पूर्वाग्रह को कम करना है और समावेशी विकास के लिए महिला उद्यमियों के सशक्तिकरण पर जोर देते हुए ऐसा माहौल तैयार करना है जहां सभी लिंगों के लोग अपने आप को महत्वपूर्ण और सम्मानित महसूस करें।
इस अवसर पर पुणे सीमा शुल्क क्षेत्र के मुख्य आयुक्त श्री मयंक कुमार, संयुक्त सचिव (सीमा शुल्क) श्री अनुपम प्रकाश और पुणे क्षेत्रीय इकाई की एडीजी, डीजीजीआई श्रीमती वृंदाबा गोहिल ने भी अपना संबोधन दिया। अन्य प्रमुख वक्ताओं में एमसीसीआईए की निदेशक सुश्री रुजुता जगताप, एफएफएएफएआई की महिला विंग प्रमुख सुश्री चैताली मेहता और केएसएच समूह की मानव संसाधन प्रमुख सुश्री खनक झा शामिल थे।
पुणे क्षेत्र के मुख्य आयुक्त श्री मयंक कुमार ने अपने संबोधन में पुलिस बल में महिलाओं की उपस्थिति, 25-35 आयु वर्ग के महिला कार्यबल में गिरावट तथा महिलाओं के समक्ष आने वाली भावनात्मक, शारीरिक और वित्तीय समस्याओं पर एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा किए गए अध्ययन को साझा किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, श्री अनुपम प्रकाश ने लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार, विशेष रूप से सीबीआईसी द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में जानकारी भी दी।
अपने संबोधन में सीमा शुल्क के अपने अवलोकन और अनुभव साझा करते हुए, श्रीमती वृंदाबा गोहिल ने कार्यस्थल पर महिलाओं के सामने आने वाली चार प्रमुख समस्याओं और लैंगिक समावेशिता की दिशा में सीबीआईसी द्वारा की गई पहलों पर चर्चा की।
सुश्री रुजुता जगताप ने अपनी यात्रा और अनुभव तथा विनिर्माण क्षेत्र में लैंगिक समावेशिता के लिए किए गए प्रयासों को साझा किया।
अपने संबोधन में, सुश्री चैताली मेहता ने नेतृत्व की स्थिति में महिलाओं की उपस्थिति और रसद क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के महत्व का उल्लेख किया जो सीमा शुल्क आपूर्ति श्रृंखला का एक प्रमुख हिस्सा है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, सुश्री खनक झा ने लैंगिक समावेशिता के लिए केएसएच समूह द्वारा की गई सभी पहलों और महिलाओं के भावनात्मक, शारीरिक और वित्तीय कल्याण की दिशा में किए जा रहे कार्यो की संक्षिप्त जानकारी दी।
संगोष्ठी का समन्वयन पुणे के सीमा शुल्क आयुक्त श्री यशोधन वानगे द्वारा किया गया।