काठमांडू, 04 नवंबर (हि.स.)। चीन ने नेपाल की उत्तरी सीमा पर रह रहे कोरला नाका के स्थानीय नागरिकों के लिए सीमावर्ती शहर में जाने के लिए टाइम कार्ड की व्यवस्था लागू की है। इससे पहले नेपाली नागरिकों को तीन दिन से एक हफ्ते तक चीन की सीमा के पास के इलाकों में रहने की छूट दी जाती थी लेकिन अब सिर्फ 6 घंटे रहने की अनुमति दी गई है।
करीब एक वर्ष पहले तामझाम के साथ नेपाल के मुस्तांग जिले में कोरला नाका का उद्घाटन किया गया था। उस समय चीनी पक्ष ने सिन्धुपलचोक जिला के तातापानी नाका के बाद चीन से व्यापार करने के लिए कोरला नाका को खोले जाने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद यहां से कभी व्यापारिक कार्य नहीं हो पाया, बल्कि चीन ने स्थानीय लोगों के सीमा पार करने को लेकर पाबंदी को और कड़ा कर दिया है। चीनी पक्ष की ओर से टाइम कार्ड लागू किए जाने से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
सशस्त्र प्रहरी सीमा सुरक्षा बल के एसपी मणिकर्ण राई ने कहा कि 1 नवंबर से चीनी प्रशासन ने टाइम कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब चीन के सीमावर्ती शहर में जानेवाले नेपाली नागरिकों को सुबह 9 बजे तक ही प्रवेश की अनुमति है और उन्हें हर हाल में दोपहर 3 बजे तक वापस सीमा पार करना होता है।
मुस्तांग के कोरला नाका पर रहे नेपाली कस्टम विभाग के अधिकारी शोभकांत पौडेल ने कहा कि मुस्तांग जिले के सीमावर्ती नेपाली नागरिकों का व्यापार चीन के शहर पर ही आश्रित रहता है। ऐसे में सिर्फ 6 घंटे के लिए अनुमति देने से लोगों का काम पूरा नहीं हो पाता है। एक ही काम के लिए नेपाली नागरिकों को बार-बार सीमा पार जाना पड़ता है, जिस पर भी चीनी अधिकारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ता है।
लोमानतांग इलाका प्रशासन कार्यालय के प्रमुख प्रशासकीय अधिकृत जीवन पौडेल ने कहा कि टाइम कार्ड होने के बावजूद नेपाली नागरिकों की सीमा पर कड़ी जांच की जाती है। पौडेल के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति के मोबाइल में दलाई लामा की फोटो मिल जाए या कोई व्यक्ति दलाई लामा की तस्वीर वाली लॉकेट पहना मिल जाता है तो उसका टाइम कार्ड छीन लिया जाता है और आगे से चीन के प्रवेश पर प्रतिबंध भी लगा दिया जाता है।