नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने कहा है कि पिछले 10 सालों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 2923 करोड़ कार्य दिवस रोजगार सृजित किया गया है। जबकि वित्त वर्ष 2006-07 से वित्त वर्ष 2013-14 के बीच सृजित कुल व्यक्ति दिवस 1660 करोड़ थे।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मीडिया में आ रही उन खबरों का संज्ञान लेते हुए ये आंकड़े जारी किए हैं जिनमें में दावा किया गया था कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मनरेगा के तहत ग्रामीण रोजगार में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (महात्मा गांधी नरेगा) का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है, जिसके तहत प्रत्येक परिवार को एक वित्त वर्ष में कम से कम सौ दिनों का गारंटीकृत मजदूरी रोजगार उपलब्ध कराया जाता है, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक कार्य करने के लिए स्वेच्छा से तैयार होते हैं।
मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2006-07 से 2013-14 के बीच कुल 1660 करोड़ व्यक्ति दिवस सृजित किए गए, जबकि वित्त वर्ष 2014-15 से 2024-25 के बीच कुल 2923 करोड़ व्यक्ति दिवस सृजित किए गए। पिछले 10 सालों में बजट आवंटन में भी काफी बढ़ोतरी की गई है। वर्तमान सरकार से पूर्व यानी वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान बजट आवंटन केवल बजट अनुमान चरण में 33 हज़ार करोड़ रुपये था। वहीं अब चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 86 हजार करोड़ रुपये है। यह योजना की शुरुआत से अब तक का सबसे अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 में न्यूनतम औसत अधिसूचित मजदूरी दर में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। योजना के तहत 13.10 करोड़ सक्रिय श्रमिकों के लिए आधार सीडिंग की गई है, जो कुल सक्रिय श्रमिकों (13.18 करोड़) का 99.3 प्रतिशत है।