काठमांडू, 26 अक्टूबर (हि.स.)। नेपाल में केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के 25 अक्टूबर को सौ दिन पूरे हो गए। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने सौ दिन के कार्यकाल को जहां सफल बताया है वहीं उनकी सरकार को समर्थन दे रही नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शेखर कोइराला ने उनके सौ दिनों के कार्यकाल को सभी मोर्चों पर विफल बताया है।
डॉ. कोइराला ने शनिवार को काठमांडू में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा कि सरकार के सौ दिन हर दृष्टिकोण से असफल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री ओली की आलोचना करते हुए जनता के मूल समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए सरकार पर खतरे की बात का विरोध किया है। डॉ. कोइराला ने कहा कि दो तिहाई बहुमत वाले प्रधानमंत्री भी अपने सौ दिन में सिर्फ सरकार गिरने और बचने की बात करेंगे तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश में आए प्राकृतिक आपदा को संभालने में सरकार पूरी तरह विफल रही। देश के डूबते अर्थतंत्र को पटरी पर लाने में सरकार पूरी तरीके से असफल रही। युवाओं का पलायन रोकने में सरकार ने कोई कारगर कदम नहीं उठाए। आम जनता की मूलभूत समस्याओं का समाधान करने में सरकार चूक गई।
नेपाली कांग्रेस के नेता डॉ. कोइराला ने प्रधानमंत्री के द्वारा राजनीतिक दल विभाजन संबंधी अध्यादेश लाने की तैयारी का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि जिस सरकार को दो तिहाई सांसदों का समर्थन हो उसे अध्यादेश लाने की क्या आवश्यकता है? उन्होंने सवाल किया कि क्या सीपीएन (यूएमएल) संसद की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी से संसद की पहली सबसे बड़ी पार्टी बनने का ख्वाब देख रही है ताकि भविष्य में इस गठबंधन के टूटने के बाद ओली फिर से सरकार बना सकें? उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि ओली को इस गठबंधन के प्रति विश्वास नहीं है या फिर वो इस गठबंधन के साथ धोखा कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि विगत 15 जुलाई को ओली ने गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी।