शताब्दी वर्ष में एक लाख से अधिक स्थानों तक पहुंचा संघ का कार्य 

मथुरा,26 अक्टूबर(हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस वर्ष अपने 99 वर्ष पूर्ण कर अपने लक्ष्य को हासिल करते हुए शताब्दी वर्ष में प्रवेश किया है। कार्य विस्तार की दृष्टि से 1,01,438 स्थानों तक संघ का कार्य पहुंचा है। यह शताब्दी वर्ष के निमित्त विशेष उपलब्धि है। यह जानकारी संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने दी।

होसबाले मथुरा के परखम स्थित दीनदयाल गौविज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर एवं प्रदीप जोशी, संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपा शंकर, क्षेत्र प्रचार प्रमुख पद्म सिंह और सह प्रांत प्रचार प्रमुख कीर्ति कुमार उपस्थित रहे।

सरकार्यवाह ने बताया कि संघ कार्य की प्रथम इकाई शाखा है। कार्य विस्तार की दृष्टि से 45,411 स्थानों पर 72,354 शाखाएं चल रही हैं। इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 3626 स्थान बढ़ गए हैं और 6645 शाखाएं बढ़ी हैं। ऐसे ही सप्ताह में होने वाले साप्ताहिक मिलन की संख्या 29,369 रही। इसमें 3147 वार्षिक वृद्धि हुई है। जहां शाखा नहीं लगती, ऐसे स्थानों पर मासिक संघ मंडली का काम चलता है। इस वर्ष 11,382 स्थानों पर संघ मंडली हैं। इस वर्ष 750 स्थानों की वृद्धि हुई है। होसबाले ने बताया कि अगले वर्ष प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरु में आयोजित होगी और प्रतिनिधि सभा तक कार्यविस्तार में वृद्धि होगी।

उन्होंने बताया कि कार्यकारी मंडल की बैठक में इस वर्ष मार्च में सम्पन्न हुई प्रतिनिधि सभा की समीक्षा की गयी। आगामी विजयादशमी पर कैसे कार्यक्रम करने हैं, इस पर विचार किया गया। स्वयंसेवक पंच परिवर्तन- स्व आधारित जीवन शैली, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण और नागरिक कर्तव्य के विषयों को लेकर समाज के बीच जाएंगे। समाज में परिवर्तन कैसे होगा, इसकी चिंता स्वयं करनी है।

सरकार्यवाह होसबाले ने कहा संघ कार्यकर्ताओं के चरित्र निर्माण का कार्य करता है। चरित्र निर्माण की यह पद्धति केवल चर्चाओं में नहीं वरन् आचरण में दृष्टिगोचर होनी चाहिए। विगत वर्षों से समाज को इसका अनुभव भी हो रहा है। देश में आपदा के समय स्वयंसेवक मोर्चा संभालते हैं। इस वर्ष भी पश्चिम बंगाल में तारकेश्वरी नदी में आई बाढ़ में 25 हजार लोगों की स्वयंसेवकों ने राहत शिवरों में सेवा की। ओडिशा बाढ़ के दौरान 4 हजार लोगों को स्वास्थ्य और भोजन आदि सहायता पहुंचायी। जुलाई में केरल के वायनाड और कर्नाटक में भूस्खलन में एक-एक हजार स्वयंसेवक लगे और सहायता कार्य किए। बड़ोदरा, जामनगर, द्वारका बाढ़ में भी स्वयंसेवकों ने भोजन आदि की व्यवस्था की। साथ ही आपदा में 600 मृतकों का अंतिम संस्कार भी कराया, केवल हिंदू ही नहीं बल्कि विभिन्न समुदायों के मृतकों का उनकी परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार कराया।

उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई देवी होल्कर का यह 300वां वर्ष है। सामाजिक जाग्रति, मंदिरों का जीर्णोद्धार, कुशलतापूर्वक शासन करना यह दर्शाता है कि 300 वर्ष पूर्व भी मातृशक्ति जनता के लिए और जनकार्य के लिए शासन चलाने में सक्षम थी।

इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के लिए बने नियामक

सरकार्यवाह होसबाले ने कहा कि ड्रग के प्रति आकर्षण नहीं होना चाहिए। संघ का आग्रह संस्कार, संमरसता, शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर है। एक प्रश्न के उत्तर में सरकार्यवाह ने कहा कि सभी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर जो कुछ दिखाया जा रहा है, उसमें से बहुत कुछ सामाजिक नहीं है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी चाहिए पर इस पर एक नियामक भी बनाने की जरूरत है। सरकार तो इस ओर ध्यान देगी ही, समाज को भी संस्कारों में वृद्धि करके इस ओर ध्यान देना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *