वाशिंगटन/नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ अंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शांतिकांत दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक स्थिरता के लिए बहुत बड़ा जोखिम है। शक्तिकांत दास ने जोर देकर कहा कि इससे ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है, जहां केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति पर नियंत्रण खो सकता है।
आरबीआई ने शनिवार को ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी बयान में बताया कि शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी के पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में आयोजित मैक्रो वीक 2024 कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मैं वास्तव में इस राय का हूं कि ये ऐसी चीज है जिसे फाइनेंशियल सिस्टम पर हावी होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह बैंकिंग प्रणाली के लिए भी जोखिम पैदा करता है। यह ऐसी स्थिति भी पैदा कर सकता है, जहां केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति से नियंत्रण खो सकता है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझ होनी चाहिए, क्योंकि लेनदेन क्रॉस-कंट्री है। इससे जुड़े बड़े जोखिमों के बारे में पूरी तरह से सचेत रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सवाल उठाने वाला पहला देश था। दास ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 में इस पूरे क्रिप्टो इकोसिस्टम से निपटने के संबंध में अंतरराष्ट्रीय समझ विकसित करने पर समझौता हुआ था। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कुछ प्रगति हुई है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के सालाना बैठकों में भाग लेने के लिए अमेरिका के आधिकारिक दौर पर हैं।