बांग्लादेश में राष्ट्रपति शहाबुद्दीन को हटाने के लिए आम सहमति बनाने के प्रयास तेज    

-विदेश से लौटे सेना प्रमुख जमान ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार से मुलाकात की

ढाका, 26 अक्टूबर (हि.स.)। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के साक्ष्य मौजूद न होने का आधिकारिक बयान देकर छात्र नेताओं के निशाने पर आए राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के इस्तीफा देने की मांग करने वाले संगठनों ने आम सहमति बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इस बीच विदेश दौरे से लौटे सेना प्रमुख ने आज सुबह अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार से मुलाकात की है।

ढाका से छपने वाले बांग्ला अखबार (अंग्रेजी संस्करण) प्रोथोम अलो की खबर के अनुसार स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन और जातीय नागोरिक कमेटी (राष्ट्रीय नागरिक मंच) ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग के पक्ष में आम सहमति बनाने के लिए राजनीतिक दलों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। पहले ही दोनों मंचों के नेता बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के साथ अलग-अलग बैठकें कर चुके हैं।

भेदभावपूर्व आरक्षण के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्र नेता और जातीय नागोरिक समिति अपनी मांग पर कायम रहना चाहते हैं। वह इस संबंध में अंतरिम सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। दोनों संगठनों के नेताओं ने राजनीतिक दलों से बातचीत के लिए दो टीमें बनाई हैं। दोनों टीमें अलग-अलग पार्टियों से बातचीत कर रही हैं।

वह गुरुवार रात पहली बैठक में बीएनपी नेताओं के साथ बैठे। दोनों संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद के आवास पर बैठक की। बाद में बीएनपी के संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी भी बैठक में शामिल हुए। छात्र नेताओं ने यह समझाने की कोशिश की कि राष्ट्रपति ने बयान के बाद प्रामाणिकता खो दी है। राष्ट्रपति की ऐसी विरोधाभासी टिप्पणियों के बावजूद अगर कोई कार्रवाई नहीं होती तो अंतरिम सरकार सवालों के घेरे में आ जाती है। बैठक में बीएनपी नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है।

बैठक में स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के संयोजक हसनत अब्दुल्ला, सदस्य सचिव आरिफ सोहेल, प्रमुख समन्वयक अब्दुल हन्नान मसूद, प्रवक्ता उमामा फातेमा, जातीय नागोरिक समिति के संयोजक नसीरुद्दीन पटवारी, सदस्य सचिव अख्तर हुसैन, प्रवक्ता सामंत शर्मिन और जुलाई शहीद स्मृति फाउंडेशन के महासचिव सरजिस आलम उपस्थित रहे। इससे पहले 23 अक्टूबर को सलाहुद्दीन अहमद समेत बीएनपी के तीन शीर्ष नेताओं ने मुख्य सलाहकार से मुलाकात की थी। तीनों ने राष्ट्रपति को अचानक हटाए जाने के परिणामस्वरूप संभावित संवैधानिक संकट के बारे में चेतावनी दी थी।

स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन और जातीय नागोरिक कमेटी के नेताओं ने शुक्रवार को बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के नेताओं के साथ मुलाकात की। राजधानी के मोगबाजार में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित बैठक में जमात महासचिव मिया गोलम परवार, नायब-ए-अमीर सैयद अब्दुल्ला मोहम्मद ताहेर और हमीदुर रहमान आजाद शामिल हुए। कहा गया है कि जमात नेताओं ने सैद्धांतिक रूप से छात्रों नेताओं की मांग का समर्थन किया। इस बीच जातीय नागोरिक समिति के संयोजक नसीरुद्दीन पटवारी ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को उनका साथ देना चाहिए।

इस बीच ढाका ट्रिब्यून अखबार के अनुसार बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज-जमान ने आज मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस से राज्य अतिथिगृह जमुना में मुलाकात की। मुख्य सलाहकार के प्रेस विंग के अनुसार बैठक के दौरान जनरल जमान ने यूनुस को संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा की अपनी हालिया यात्रा के बारे में जानकारी दी। जमान अमेरिका और कनाडा के दौरे के बाद शुक्रवार को स्वदेश लौटे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *