बढ़ते प्रदूषण को लेकर डीजीएचएस ने लिखा सभी राज्यों को पत्र, जागरुकता पर दिया जोर

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र समेत कई राज्यों में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) अतुल गोयल ने लोगों को जागरूक करने और सांस की बीमारियों के उच्च जोखिम वाले मरीजों को सचेत रहने की सलाह दी है। डीजीएचएस ने खेल और व्यायाम जैसी बाहरी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की भी सलाह दी है। खासकर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं एवं श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी है। इस संबंध में डीजीएचएस ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कारगर कदम उठाने की सलाह दी है।

डीजीएचएस ने अपने पत्र में राज्य के स्वास्थ्य विभागों को बिगड़ती वायु गुणवत्ता और इसके स्वास्थ्य जोखिमों, खासकर कमजोर समूहों के लिए सचेत किया है। उन्होंने वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए जनजागरुकता अभियान, निवारक उपायों और बेहतर स्वास्थ्य देखभाल तैयारियों की आवश्यकता पर जोर दिया। स्वास्थ्य निदेशालय ने अपनी सलाह में जन जागरुकता अभियान तेज करना, क्षेत्रीय भाषाओं में निर्दिष्ट जनसंचार माध्यमों के माध्यम से लक्षित संदेश प्रसारित करना, स्वास्थ्य सेवा कार्यबल की क्षमता को मजबूत करना और जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के लिए प्रहरी निगरानी प्रणालियों में भागीदारी बढ़ाना शामिल है।

डीजीएचएस ने अपने पत्र में कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने को लेकर कार्रवाई के बारे में लोगों में जागरुकता बढ़ाना बहुत ज़रूरी है। इसके साथ पराली और कचरे को जलाने से रोकना, त्योहारों के दौरान पटाखे कम फोड़ना, निजी डीजल या पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, डीजल से चलने वाले जनरेटर पर निर्भरता सीमित करना और धूम्रपान पर अंकुश लगाना भी शामिल है।

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