नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। एक दिन पहले मंगलवार को हुंडई मोटर की निराशाजनक मेनबोर्ड लिस्टिंग के बाद बुधवार को घरेलू शेयर बाजार में एक एसएमई कंपनी ने अपने लिस्टिंग से माहौल को काफी हद तक बदल दिया है। आज शेयर बाजार में सिर्फ एक कंपनी की ही लिस्टिंग हुई है लेकिन इस एक कंपनी के शेयर की शुरुआत ही इतनी धमाकेदार हुई, जिससे मार्केट सेंटिमेंट्स को काफी बूस्ट मिला है। इंजीनियरिंग कंसलटेंसी सर्विस देने वाली कंपनी लक्ष्य पावरटेक ने अपने शेयरों की लिस्टिंग के जरिये आज स्टॉक मार्केट में जोरदार दस्तक दी। कंपनी के शेयरों की आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एसएमई प्लेटफॉर्म पर 90 प्रतिशत प्रीमियम के साथ लिस्टिंग हुई। लिस्टिंग के थोड़ी देर बाद ही खरीदारी के सपोर्ट से ये शेयर अपर सर्किट पर पहुंच गया। इस तरह पहले दिन ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों की रकम लगभग डबल हो गई।
आईपीओ के तहत कंपनी में 180 रुपये की कीमत पर शेयर जारी किए थे। आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 342 रुपये के स्तर पर हुई। मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) निर्णय के मुताबिक एसएमई प्लेटफॉर्म पर किसी भी शेयर की लिस्टिंग अधिकतम 90 प्रतिशत प्रीमियम के साथ ही हो सकती है। इसीलिए लक्ष्य पावरटेक के शेयरों की लिस्टिंग भी आज 90 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 342 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद खरीदारों ने जोरदार लिवाली शुरू कर दी, जिससे थोड़ी ही देर में ये शेयर 359.10 रुपये के अपर सर्किट लेवल पर पहुंच गया। इस तरह पहले दिन ही आईपीओ निवेशको को अपने निवेश पर लगभग दोगुना फायदा हो गया।
उल्लेखनीय है कि लक्ष्य पावरटेक का 49.91 करोड़ रुपये का आईपीओ 16 से 18 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को इन्वेस्टर्स की ओर से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था, जिससे ये ओवरऑल 573.36 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 212.18 गुना सब्सक्राइब हुआ था, जबकि नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 1,117.75 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। रिटेल इन्वेस्टर्स ने भी इस आईपीओ को हाथोंहाथ लिया था। रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 590.26 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के जरिये 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 27,72,800 ने शेयर जारी किए गए हैं आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, पुराने कर्ज को चुकाने और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों में करेगी।