नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर आने वाले संभावित भीषण चक्रवात ‘दाना’ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को न्यूनतम व्यवधान के साथ अधिकतम तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
चक्रवात ‘दाना’ के मद्देनजर रेल मंत्रालय में बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इसमें संबंधित जोनल रेलवे (पूर्वी तटीय रेलवे और दक्षिण पूर्वी रेलवे) की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की और इसमें रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ, सभी बोर्ड सदस्य, पूर्वी तटीय रेलवे और दक्षिण पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक, खड़गपुर, चक्रधरपुर, अद्रा और खुर्दा रोड के मंडल रेल प्रबंधक शामिल हुए।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों को यह भी सलाह दी कि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
बैठक में पूर्वी तटीय रेलवे और दक्षिण पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधकों ने रेलवे की तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भुवनेश्वर और गार्डन रीच (कोलकाता), खुर्दा रोड, विशाखापट्टनम, संबलपुर, चक्रधरपुर, अद्रा, रांची, खड़गपुर और बालासोर के मंडल कार्यालयों में 24 घंटे काम करने वाले 9 समर्पित वॉर रूम स्थापित किए गए हैं। पावर बैकअप के साथ निर्बाध संचार के लिए 20 सैटेलाइट फोन के साथ वॉर रूम अथवा आपातकालीन नियंत्रण कक्ष चालू हैं। रेलवे वास्तविक समय के अपडेट प्राप्त करने और आवश्यकतानुसार संसाधन जुटाने के लिए भारतीय मौसम विभाग के साथ भी निरंतर संचार बनाए रख रहा है।
सोरो, जालेश्वर और अन्य महत्वपूर्ण स्टेशनों जैसे विभिन्न स्थानों पर पटरियों, सिग्नलिंग प्रणालियों और विद्युतीकरण की त्वरित बहाली के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं। बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने के लिए डीजल इंजन भी स्टैंडबाय पर हैं।
भोजुडीह, बोकारो स्टील सिटी, सोरो, नीमपुरा, अद्रा, राजगोड़ा, बछरावां, केंदुआ, कालाघर, तपंग, छतरपुर, पलासा, हिंडोल रोड, राधाकिशोरपुर, केंदुआपाड़ा, रघुनाथपुर, हरिदासपुर जैसे सभी रणनीतिक स्थानों पर 600 से अधिक कर्मचारी तैनात हैं। राहत वैन, 49 भारी मशीनरी, 7 ट्रॉलियां और अन्य उपकरण भी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्टैंडबाय पर रखे गए हैं। राहत सामग्री या किसी अन्य जरूरी सामानों को ले जाने के लिए स्क्रैच रेक की योजना बनाई गई है और उसे 6-7 कोच के साथ खड़गपुर में रखा गया है। टावर वैगनों की व्यवस्था की गई है और उन्हें बालासोर, दतन, खड़गपुर, रूपसा और हल्दिया में रखा गया है।
भुवनेश्वर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर के स्टेशनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। खड़गपुर डिवीजन के साथ-साथ चक्रधरपुर और अद्रा जैसे निकटवर्ती डिवीजनों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। भारी बारिश और बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए रेलवे पुलों, पटरियों, यार्ड और सिग्नलिंग सिस्टम पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी, जैसे पुरी – 8926100356, खुर्दा रोड 8926100215, भुवनेश्वर- 8114382371, कटक- 8114382359, पारादीप- 8114388302, जाजपुर क्योंझर रोड- 8114382342, भद्रक- 8114382301, पलासा- 8114382319, ब्रह्मपुर- 8114382340 और यात्रियों के साथ-साथ आम जनता के बीच लगातार घोषणाएं की जाएंगी।
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मेचेदा, तामलुक, खड़गपुर और बालासोर में पर्याप्त क्लोरीन टैबलेट, ब्लीचिंग और अन्य दवाओं के साथ मेडिकल टीम तैनात की गई है। चक्रवात के कारण नियंत्रित होने वाली ट्रेनों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर शिशु आहार के साथ पर्याप्त भोजन की व्यवस्था की गई है। सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों और रेलवे कॉलोनियों में स्थित स्थानों पर पर्याप्त क्षमता वाले पानी के टैंक की योजना बनाई गई है और उन्हें रखा गया है।