लाहौर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने सूबे में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक बार फिर उपायुक्तों (डीसी) को अपने जिलों में सभाओं, रैलियों के साथ-साथ दोपहिया वाहनों पर पीछे की सवारी पर 30 दिनों तक प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया है। गृह सचिव को अब किसी भी जिले या पूरे प्रांत में 90 दिनों तक धारा 144 लगाने का अधिकार दिया गया है। गंभीर कानून व्यवस्था की स्थिति में 90 दिनों से अधिक समय तक प्रतिबंध लगाने की शक्ति पंजाब सरकार के पास रहेगी।
डॉन समाचार पत्र के अनुसार, प्रांतीय विधानसभा के अनुमोदन के बाद आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1898 (पंजाब संशोधन) की धारा 144 में संशोधन के लिए गजट अधिसूचना जारी कर दी गई। इससे पहले कानून और व्यवस्था की स्थिति के मामले में डिप्टी कमिश्नर पहले विरोध प्रदर्शनों, सभाओं, रैलियों, धरने और दोपहिया वाहनों की पीछे की सवारी पर प्रतिबंध लगाने के लिए गृह सचिव की अनुमति की प्रतीक्षा करते थे। हालांकि दो दशक पहले तक डिप्टी कमिश्नरों के पास यह अधिकार था। मगर परवेज मुशर्रफ के राष्ट्रपति बनने के बाद यह अधिकार जिला नाजिमों को हस्तांतरित कर दिए गए।
मुशर्रफ शासन के दौरान धारा 144 लगाने की शक्ति डीसी से जिला नाजिमों को हस्तांतरित करने के लिए सीआरपीसी की उप-धारा (1), (4), और (5) में संशोधन किया गया। इस संशोधन ने जिला नाजिमों/प्रशासकों को जिला पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त (डीसी) की सिफारिशों पर धारा 144 लगाने की अनुमति दी। बाद में जिला नाजिमों का पद समाप्त कर दिया गया तो यह अधिकार स्वतः डिप्टी कमिश्नर को प्राप्त हो गए।