जौनपुर, 19 अक्टूबर (हि.स.)। हॉकी के पूर्व विश्व विजेता ओलंपियन अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित अशोक ध्यानचंद का जनपद में शनिवार को पहली बार आगमन हुआ। वह जनपद की एक सामाजिक संस्था अतुल ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए हॉकी के साथ-साथ अन्य खेलों पर भी चर्चा किया और कहा कि आज एक बार फिर हॉकी पूरे विश्व में अपना कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है। जनपद के खेलकूद एवं युवा राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव से भी मांग किया कि वह अपने जनपद में हॉकी खिलाड़ियों के लिए व्यवस्था करे, जिससे की जनपद के युवाओं को हॉकी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में सहायक हो सके।
उन्होंने कहा कि हॉकी खेल में हम बहुत पीछे हैं, जमीनी तौर पर हॉकी का प्रचलन नहीं है, यह कुरुक्षेत्र है कुछ राज्य और उनकी सरकारे हैं जो हॉकी को जिंदा रखे हैं। ऐसी जगह पर हमारे वह बच्चे जो जमीनी स्तर पर हैं उनको लाने की जरूरत है। इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत नहीं होगा तो हम कैसे बच्चों को निकाल सकते हैं। जब हमारे पास ग्राउंड होगा तो बच्चे भी मिल जाएंगे। हालांकि खेलने के लिए तमाम स्कूल और कॉलेज सक्ष्म है वह अपने आप ग्राउंड बनाकर बच्चों को हॉकी के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इसके लिए सरकार यूनिवर्सिटीज कॉलेज सभी को प्रयास करने की जरूरत है। सभी इसके लिए सक्ष्म है बच्चे खेलना चाहते हैं लेकिन उनके पास ग्राउंड नहीं है। बच्चे पैसे के अभाव में खेल नहीं पा रहे हैं, अन्य खेलों की अपेक्षा इसमें पैसा कम है लेकिन पैसे की उतनी जरुरत है जितने में खिलाड़ी खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इसमें इतना पैसा खिलाड़ी को मिलता है और मिलता रहेगा, ऐसा मैं समझता हूं।
कोच के ऊपर लगने वाले आरोप पर उन्होंने कहा कि यह मानवीय भूल होती है कौन किस तरीके से ट्रीट करता है। आज के जमाने में कंपटीशन बहुत ज्यादा है इसलिए गलतियां ज्यादा हो रही हैं, लेकिन ज्यादातर यह छोटे स्तर के गेम में हो रहा है। खिलाड़ियों के शोषण के मामले में उन्होंने कहा कि यह सिलेक्शन किया जाता है कौन कहां कैसे सिलेक्ट होता है, यह देखने वाली बात होती है। आज के बच्चे खुद समझदार हैं उनका शोषण कैसे हो रहा है, कहां हो रहा है,यह बताने की जरूरत नहीं है।