दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, भाजपा ने आआपा सरकार पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का लगाया आरोप

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ते ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो चला है। भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी (आआपा) की सरकार पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा कि आआपा सरकार न केवल यमुना में बहाये जाने वाले औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने में असफल रही है, बल्कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और इससे संबंधित अन्य एजेंसियों की अक्षमता भी उजागर हुई है।

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी के नेतृत्व में दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर घोर लापरवाही बरती जा रही है। यमुना नदी की बिगड़ती हालत इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा यमुना को साफ करने के वादे सिर्फ़ खोखले साबित हुए हैं, जबकि नदी की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। जहरीले झाग अब भी नदी में तैर रहे हैं और खतरनाक प्रदूषक तत्वों का जमाव दिल्ली के जल स्रोतों और जनता के स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। बार-बार चेतावनियों के बावजूद दिल्ली सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।

चुघ ने कहा कि आआपा सरकार न केवल यमुना में बहाये जाने वाले औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने में असफल रही है, बल्कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और इससे संबंधित अन्य एजेंसियों की अक्षमता भी उजागर हुई है। रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद भी जो जल की गुणवत्ता में सुधार कर सकती थी, प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ गया है। जल में अमोनिया और अन्य जहरीले रसायनों की बढ़ी हुई अत्यधिक मात्रा आप सरकार की कार्यकुशलता पर सवाल उठा रही है। कई बार कार्ययोजना प्रस्तुत करने के बावजूद, यमुना को साफ करने और सीवेज ट्रीटमेंट की स्थिति सुधारने के वादे अधूरे ही रह गए हैं।

भाजपा महामंत्री चुघ ने कहा कि यमुना में प्रदूषण का बढ़ता स्तर आआपा सरकार की अक्षमता और दिल्ली के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के प्रति उसकी उदासीनता का प्रतीक है। ये प्रदूषण न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे उत्पन्न कर रहे हैं, बल्कि जलीय जीवों के लिए भी दीर्घकालिक पर्यावरणीय नुकसान पहुंचा रहे हैं। दिल्ली सरकार द्वारा इन प्रदूषक तत्वों पर सख्त नियम लागू न करना इस बात को दर्शाता है कि सरकार को दिल्ली के नागरिकों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की कोई परवाह नहीं है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कों के गड्ढों से जनता पहले से ही त्रस्त थी लेकिन अब इन टूटी सड़कों और गड्ढों से निकलने वाली धूल ने वायु प्रदूषण का रूप ले लिया है, जिससे जनता बदहाल है। कनाट प्लेस में 24 करोड़ का स्मॉग टावर लगाया गया लेकिन आज तक उससे जनता को साफ़ हवा नहीं मिल सकी और वो धूल फांक रही हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को लगता है की प्रदूषण की समस्या केवल मीटिंग करने और केंद्र सरकार को पत्र लिखने से हल हो जाएगी। बीते कई महीनो से वह केंद्र सरकार को प्रदूषण को लेकर बार-बार पत्र लिख रहे हैं। दिल्ली के लोग 365 दिन आआपा शासन से बेहाल रहते हैं, गर्मी में दिल्ली महीनों-महीनों पानी को तरसती है, मिलता भी है तो सिर्फ दूषित जल, बारिश में गड्ढे वाली सड़कों में जलभराव शुरू हो जाता है, ठंड आने वाली है, तो जनता को प्रदूषण की समस्या डराने लगी है। बीते वर्ष दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सबसे खराब था। चुघ ने कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस पर्यावरणीय कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उनके नेतृत्व में आआपा सरकार न केवल अपने वादों को निभाने में असफल रही है, बल्कि दिल्ली के लोगों को एक स्वस्थ पर्यावरण उपलब्ध कराने में भी पूरी तरह से नाकाम रही है।

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