गुवाहाटी में मनाया गया महिला किसान दिवस

गुवाहाटी, 15 अक्टूबर (हि.स.)। 2024 महिला किसान दिवस आज कृष्णकांत हैंडिक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी हॉल, खानापाड़ा में मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय कृषि लिंग संसाधन केंद्र (एनजीआरसीए) और विस्तार शिक्षा संस्थान (ईईआई), उत्तर पूर्व क्षेत्र, गुवाहाटी द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम 2016 से महिला किसानों को सम्मानित करने और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में उनके योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। इस वर्ष का विषय ‘कृषि परिवर्तन में महिला उद्यमियों की भूमिका’ था।

कार्यक्रम की शुरुआत पूर्वोत्तर भारत के महिला स्वयंसेवी समूहों, कृषि उद्यमियों द्वारा उत्पादित उत्पादों की प्रदर्शनी और लिंग अनुकूल कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ हुई। लालटेन की औपचारिक रोशनी के बाद, ईईआई (एनई क्षेत्र) के निदेशक डॉ. राजुमनी बरदलै, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव सैमुअल प्रबीन कुमार, असम सरकार के कृषि विभाग की आयुक्त और सचिव अरुणा राजोरिया ने महिला किसानों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का स्वागत किया और कार्यक्रम की सुंदरता बढ़ाने के लिए उनका धन्यवाद् ज्ञापन किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मानद अतिथि आयुक्त सचिव अरुणा राजोरिया ने कहा कि कृषि में महिलाओं की भागीदारी विभिन्न कौशल, टिकाऊ प्रथाओं और पोषण पर ध्यान केंद्रित करके खाद्य उत्पादन और सुरक्षा को बढ़ाती है, जिसके परिणामस्वरूप लचीलापन बढ़ता है और खाद्य प्रणाली की दक्षता में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कृषि में महिलाओं का समर्थन आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार बुनियादी जरूरतें पूरी हो जाने के बाद, बचे हुए उत्पादन को चावल की शराब और लड्डू जैसे प्रीमियम उत्पादों में परिवर्तित किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि कैसे “ड्रोन दीदी” जैसी पहल फसलों की निगरानी और प्रबंधन में मदद कर रही है, उन्होंने कहा कि इन प्रयासों का उद्देश्य कृषि में महिलाओं की भूमिका बढ़ाना, उत्पादकता में सुधार करना और पूरे क्षेत्र में स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देना है। उन्होंने महिला किसानों और कृषि उद्यमियों से केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाने का भी आग्रह किया। कृषि निवेश पोर्टल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य कृषि व्यवसाय को बढ़ाना, निवेश आकर्षित करना और उन्नत तकनीक और नवीन प्रथाओं के माध्यम से कृषि को आधुनिक बनाने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप किसानों की आय में वृद्धि करना है।

महिला किसानों और उद्यमियों की सफलता की कहानियों पर आधारित “महिला की प्रेरणादायी यात्रा” नामक पुस्तक का विमोचन किया गया और “कृषि में महिलाएं” पर एक लघु वीडियो भी समारोह में दिखाया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में महिला किसानों, उद्यमियों को पहचानना है, जिसमें पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल की 350 से अधिक महिला किसानों ने भाग लिया। क्षेत्र से चयनित उत्कृष्ट उद्यमियों और महिला किसानों को ‘महिला किसान सम्मान’ और प्रशंसा प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *