जोधपुर, 09 अक्टूबर (हि.स.)। करीब पांच साल बाद जोधपुर में एक बार फिर कांगो फीवर (सीसीएचएफ) का मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला की मौत हो चुकी है। अहमदाबाद से रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमा मृत महिला के निवास स्थान पर पहुंचा। आसपास के लोगों और परिजनों के खून के सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं।
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. प्रीतम सिंह ने बताया कि जोधपुर ग्रामीण क्षेत्र के नांदडा कलां निवासी 51 वर्षीय महिला गत दिनों बीमार हुई थी, जिसे परिजन उपचार के लिए अहमदाबाद लेकर गए थे। वहां पर उसका निधन हो गया। परिजनों ने शव को गांव लाकर अंतिम संस्कार कर दिया है। बाद में पुणे से कांगो फीवर की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद क्षेत्र से सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं। पशुओं की भी जांच की जा रही है। मृत महिला पशुपालन से जुड़ी हुई थी। पशुओं के साथ रहने वालों को कांगो फीवर का खतरा अधिक होता है। पशुओं की चमड़ी से चिपके रहने वाला हिमोरल नामक परजीवी इस रोग का वाहक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कांगो फीवर से संक्रमित होने पर बुखार के एहसास के साथ शरीर की मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना और सिर में दर्द, आंखों में जलन और रोशनी से डर जैसे लक्षण पाए जाते हैं।
2014 में आया था पहला मामला
जोधपुर में साल 2014 में पहला केस क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिकफीवर (सीसीएचएफ) का आया था, जिसमें रेजिडेंसी रोड स्थित निजी अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ को कांगो हुआ और मौत हो गई थी। इसके बाद 2019 में तीन बच्चों में लक्षण नजर आए थे। साथ ही एम्स में दो रोगियों की मौत हुई थी। अब पांच साल बाद जोधपुर से सटे नांदडा गांव में मामला समाने आया है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।