काठमांडू, 4 अक्टूबर (हि.स.)। नेपाल में दो बड़े राजनीतिक दलों के गठबंधन सरकार को अभी 100 दिन भी पूरे नहीं हुए कि इसमें दरार भी दिखने लगा है। सीपीएन (यूएमएल) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के प्रमुख घटक दल नेपाली कांग्रेस के नेताओं ने सरकार के कामकाज को लेकर न सिर्फ सवाल उठाया है बल्कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सार्वजनिक रूप से आलोचना भी शुरू कर दी है।
नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शेखर कोइराला पिछले कुछ दिनों से लगातार इस सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने सरकार की ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री ओली की भी आलोचना करने से परहेज नहीं किया। उन्होंने सरकार के कामकाज पर तो सवाल उठाए ही प्रधानमंत्री ओली को असफल बताया है।
काठमांडू में शुक्रवार को नेपाली कांग्रेस के एक कार्यक्रम में डॉ कोइराला ने कहा कि जिस सोच के साथ इस गठबंधन का निर्माण किया गया था वह पूरा होता नहीं दिख रहा है। नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (यूएमएल) के बीच जिन सात सूत्री समझौते के तहत सरकार का गठन किया गया उसमें कुछ भी पूरा होता नहीं दिख रहा है।
डॉ. कोइराला ने कहा कि इस गठबंधन सरकार की सब बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस है। सरकार में सबसे अधिक भागीदारी कांग्रेस की है लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को ही अपनी सरकार होने का एहसास नहीं हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री ओली पर कांग्रेस के साथ भेदभाव करने और गठबंधन धर्म के विपरीत आचरण करने का आरोप लगाया।
नेपाली कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता डॉ. प्रकाश शरण महत ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नियमित पत्रकार वार्ता में डॉ महत ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा के समय जनता के पक्ष में काम करने में यह सरकार असफल दिख रही है। अपनी ही गठबंधन सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को सरकार होने का एहसास नहीं हो पाना दुखद है।
डॉ. महत ने कहा कि यह समय बात करने और भाषण करने का नहीं है बल्कि पीड़ित जनता के पक्ष में काम करने का है उनके साथ खड़े रहने का है लेकिन अफसोस कि प्रधानमंत्री काम करने से अधिक भाषण देने और बात करने में विश्वास कर रहे हैं।