नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (हि.स.)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि यति नरसिंहानंद के जरिए पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के लिए कही गई अभद्रता बिल्कुल असहनीय हैं। मौलाना ने कहा कि सरकार को ऐसे बदजुबान व्यक्ति पर मुकदमा चलाना चाहिए और उसे उसकी सही जगह यानी जेल भेजना चाहिए। यह करोड़ों मुसलमानों के दिल का दर्द है और अगर इसकी प्रतिक्रिया में युवा भड़क उठे तो पूरे देश की शांति व्यवस्था नष्ट हो सकती है।
मौलाना ने कहा कि इस्लाम की अवधारणा स्पष्ट है कि सभी धर्मों के पवित्र व्यक्ति; चाहे उन पर विश्वास करें या न करें, लेकिन हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम उनका सम्मान करें, उनका अनादर करने से बचें और उनके अनुयायियों के दिलों को ठेस पहुँचाने से बचें। इस्लाम एक ईश्वर में विश्वास करता है, यह मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करता। लेकिन पवित्र कुरान में अन्य धर्मों के जरिए पूजे जाने वाले देवी-देवताओं के बारे में बुरा बोलने से मनाही की गई है।
मौलाना रहमानी ने कहा है कि यह एक बेतुके व्यक्ति का बयान है, यह आम देशवासियों के सोचने का तरीका नहीं है। हमारे देश में आज भी ऐसे लोग हैं जिन्होंने पैगंबर साहब की जीवनी लिखी है। उनके सम्मान में नात (धार्मिक गीत) लिखे हैं। हमारे सामने गांधी जी की शिक्षाएं हैं जिन्होंने पैगंबर के जीवन को आज की मानवता के लिए एक आदर्श बताया है।
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि हम पैगंबर साहब के खिलाफ इस्तेमाल की गई इस घटिया भाषा के खिलाफ कानूनी लड़ाई का विचार कर रहे हैं। हम सरकार से भी मांग करते हैं कि वह इस व्यक्ति को सही मायने में सजा दे। साथ ही हमें पैगंबर साहब का सही परिचय देश के सभी भाइयों तक हर भाषा में पहुंचाना चाहिए। देश की हर भाषा में पैगंबर साहब की जीवनी, उनके आचार-विचार, उनकी उच्च शिक्षाएं, उनका मानवतावाद और जिस सुंदर तरीके से उन्होंने जीवन जिया, इसका परिचय कराने की कोशिश करनी चाहिए।