वैश्विक दबाव और डीआईआई की सुस्ती से ढेर हुआ शेयर बाजार

-मार्केट एक्सपर्ट्स ने बाजार में आई गिरावट के 4 कारण गिनाए

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (हि.स.)। घरेलू शेयर बाजार आज बड़ी गिरावट का शिकार हो गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक 2.10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुए। इस गिरावट के कारण बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन एक झटके में 9.61 लाख करोड़ रुपये घट गया। मार्केट एक्सपर्ट्स आज की गिरावट के लिए जियो-पोलिटिकल टेंशन की वजह से बने दबाव, सेबी के सर्कुलर, घरेलू बाजार के ऊंचे वैल्यूएशन और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की निष्क्रियता को मुख्य वजह मानते हैं।

फिनटेक एसोसिएट्स के सीईओ रामस्वरूप अग्रवाल का कहना है कि मिडिल ईस्ट में लगातार तनाव बढ़ने की वजह से निवेशकों में घबराहट का माहौल बन गया है। इजराइल पहले से ही हमास और हिज्बुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों से जूझ रहा है, अब ईरान ने भी इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऐसे में इस संघर्ष के और तेज होने की आशंका जताई जा रही है। यही कारण है कि निवेशकों ने दुनिया भर के स्टॉक मार्केट से अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया है। निवेशक फिलहाल गोल्ड जैसे कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। अग्रवाल का कहना है कि निवेशकों को आशंका है कि अगर इजरायल ने जवाबी हमला किया, तो जियो-पोलिटिकल टेंशन और भी बढ़ सकता है। इसीलिए निवेशक चौतरफा बिकवाली करके अपना पैसा सुरक्षित करने का काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से भारत समेत दुनिया भर के शेयर बाजार गिरावट का शिकार हुए हैं।

घरेलू शेयर बाजार में आईं गिरावट के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के एक सर्कुलर को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। दरअसल सेबी ने एक सर्कुलर जारी करके स्पष्ट कर दिया है कि फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स को लेकर बनाए गए नए नियम 20 नवंबर से लागू कर दिए जाएंगे। सर्कुलर में ये भी बताया गया है कि 1 फरवरी से ऑप्शन बायर्स के अपफ्रंट प्रीमियम और इंट्रा-डे पोजिशन लिमिट की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा सेबी ने डेरिवेटिव्स के लिए मिनिमम ट्रेडिंग अमाउंट को भी बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया है। सेबी के इन नए नियमों की वजह से बाजार पर दबाव की स्थिति बनी है।

इसी तरह धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के अनुसार घरेलू शेयर बाजार फिलहाल ऊंचे वैल्यूएशन पर कारोबार कर रहा है। बाजार में लंबे समय से रैली जारी रहने की वजह से इन दिनों थोड़ी भी आशंका होने पर निवेशक बिकवाली करके मुनाफा वसूली कर रहे हैं। आज भी निवेशकों ने ताबड़तोड़ बिकवाली की। इसके साथ ही आज के कारोबार में घरेलू संस्थागत निवेशकों की भागीदारी भी काफी कम रही। इसके पहले आमतौर पर बड़ी गिरावट होने की स्थिति में घरेलू संस्थागत निवेशकों की ओर से आक्रामक अंदाज में खरीदारी की जाती थी, जिससे घरेलू संस्थागत निवेशकों को कम मूल्य पर निवेश करने का मौका भी मिलता था और इससे बाजार को सपोर्ट भी मिल जाता था, लेकिन आज ऐसा नहीं हुआ। घरेलू संस्थागत निवेशक बाजार में अभी और गिरावट आने का इंतजार कर रहे हैं। इसीलिए वे आज गिरावट होने के बावजूद खरीदारी करने से बचते रहे, जिसकी वजह से सेंसेक्स और निफ्टी की गिरावट लगातार बढ़ती चली गई।

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