नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (हि.स.)। मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी ( माकपा) ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ काे अलाेकतांत्रिक व संघीय विराेधी
कदम बताते हुए इसके खिलाफ जनमत जुटाने का फैसला किया है। विराेध स्वरुप माकपा की केंद्रीय समिति ने 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक प्रत्येक राज्य में एक माह का अभियान चलाने का भी निर्णय लिया है। इस अभियान में पार्टी देश के ज्वलंत मुद्दाें काे भी शामिल करेगी। मंगलवार काे माकपा
ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
माकपा ने अपने बयान में कहा है कि संसद, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के एक साथ चुनाव के लिए उठाए जाने वाले कदम संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली और संघीय ढांचे को कमजोर करेंगे। यह राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के लिए पांच साल के कार्यकाल की संवैधानिक योजना का उल्लंघन करेगा। यह एक केंद्रीकृत और एकात्मक प्रणाली लाएगा जो राज्यों और उनके निर्वाचित विधानसभाओं के अधिकारों को रौंद देगा।
पार्टी का कहना है कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव के साथ-साथ मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी और बुनियादी सेवाओं के निजीकरण के खिलाफ भी पार्टी
अभियान चलाएगी। पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों व महिलाओं के खिलाफ अपराध और बालिकाओं पर यौन हमलों जैसे मुद्दों पर भी अभियान के दौरान पार्टी उठाएगी।