धर्मतला में महालया पर होगा ‘महासमावेश’, जूनियर डॉक्टरों की रैली और जन-कन्वेंशन में लिये गए कई बड़े फैसले

कोलकाता, 27 सितंबर (हि.स.) । आरजी कर कांड में न्याय की मांग पर पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर एक बार फिर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। धर्मतला में दो अक्टूबर को महालया के दिन ‘महासमावेश’ का आयोजन किया जाएगा। इससे पहले 29 सितंबर को जूनियर डॉक्टरों की ओर से एक रैली निकाली जाएगी।

यह फैसला शुक्रवार को एसएसकेएम अस्पताल के ऑडिटोरियम में आयोजित जन-कन्वेंशन में लिया गया, जहां राज्य के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टर और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग मौजूद थे।

जन-कन्वेंशन में डॉक्टर देवाशीष हलदार ने कहा, “हमारी लड़ाई 50 दिन से चल रही है। हमें अभी तक न्याय नहीं मिला है। जो लोग सोचते हैं कि हमारा आंदोलन रुक गया है, वे गलत हैं। जब तक हमारी पांच प्रमुख मांगें पूरी नहीं होतीं, हम पीछे नहीं हटेंगे। हमारी लड़ाई न्याय के लिए है, और इसे जारी रखा जाएगा।”

जन-कन्वेंशन के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि अस्पतालों में ‘धमकी संस्कृति’ बेहद गंभीर रूप ले चुकी है। डॉक्टर तीरथंकर गुहाठाकुरता ने कहा, “अस्पतालों में सिर्फ लड़कियां ही नहीं बल्कि लड़के भी यौन उत्पीड़न का शिकार हो सकते हैं। हमें हर पीड़ित के साथ खड़ा होना होगा।”

जन-कन्वेंशन में देवाशीष ने घोषणा की कि दो अक्टूबर को महालया के दिन दोपहर एक बजे से धर्मतला में एक बड़ा महासमावेश होगा, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग शामिल होंगे। इसके अलावा 29 सितंबर को शाम छह बजे एक और रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें डॉक्टर अपने अधिकारों और न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरेंगे।

डॉक्टर अनिकेत महतो ने कहा, “राज्य सरकार की जांच टीम की अक्षमता स्पष्ट है। हम सुरक्षा की मांग इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि हमें हर रोज़ धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। हमारी कमजोरी को हमारी नम्रता न समझा जाए। न्याय की प्रक्रिया में देरी क्यों हो रही है, यह भी सवाल उठाया जाना चाहिए।”

टॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक कौशिक गांगुली ने भी इस जन-कन्वेंशन में हिस्सा लिया और कहा, “जब डॉक्टरों को न्याय मांगने के लिए सड़क पर उतरना पड़ता है, तो इसका मतलब है कि व्यवस्था में कुछ बहुत गंभीर खामियां हैं। डॉक्टर अकेले नहीं हैं, करोड़ों लोग उनके साथ खड़े हैं। हम इस लड़ाई में धैर्य के साथ डॉक्टरों का साथ देंगे।”

डॉक्टर अर्नब सेनगुप्ता ने कहा, “इस आंदोलन के लिए एक संयुक्त मंच की आवश्यकता है, जिसमें न केवल डॉक्टर बल्कि आम जनता भी शामिल हो। डॉक्टरों के साथ-साथ रोगियों के मानवाधिकारों का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।”

जूनियर डॉक्टरों के संगठन ‘वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट’ ने इस जन-कन्वेंशन में उन सभी लोगों को आमंत्रित किया था, जिन्होंने न्याय की मांग में उनका साथ दिया है। डॉक्टरों ने कहा, “हमारे खिलाफ फैलाई जा रही अफवाहें हमें नहीं रोक सकतीं। हम तब तक लड़ते रहेंगे जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता।”

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