नई दिल्ली, 26 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल ने पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल्ड एरिया एक्ट (पेसा) पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पेसा गांवों में ग्राम सभाओं को मजबूत और जीवंत मंच के रूप में सशक्त बनाने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ठोस प्रयास कर रहा है। मंत्रालय इन गांवों का प्रभावी और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए सभी मंत्रालयों व विभागों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप अधिकांश पेसा राज्यों ने अब पेसा नियम तैयार कर लिए हैं।
आज नई दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा) पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
किया गया था। इस अवसर पर प्रहलाद सिंह पटेल, पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री, मध्य प्रदेश, अनिरुद्ध सिंह, पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री, हिमाचल प्रदेश और डी. अनसूया सीताका, पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री, तेलंगाना ने भी संबोधित किया। राज्य पंचायती राज मंत्रियों, केंद्रीय और राज्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, पंचायती राज प्रणाली के सभी तीन स्तरों के प्रतिनिधियों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों सहित दस पेसा राज्यों के 500 से अधिक प्रतिभागियों ने सम्मेलन में भाग लिया। यह राष्ट्रीय सम्मेलन देश भर में अनुसूचित क्षेत्रों में शासन और विकास को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता में एक बड़ा कदम है।
पेसा अधिनियम पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य पैनल चर्चाओं के माध्यम से पेसा के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न हितधारकों के अनुभवों को उजागर करना है। इसी तरह पेसा अधिनियम को अन्य प्रासंगिक कानूनों जैसे राज्य पंचायत अधिनियम, वन अधिकार अधिनियम, खान और खनिज (विनियमन और विकास) अधिनियम, और भूमि हस्तांतरण अधिनियम के साथ सुसंगत बनाना और झारखंड और ओडिशा को अपने पेसा नियमों को अंतिम रूप देने और आधिकारिक रूप से अधिनियमित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
जनजातीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने समापन सत्र के दौरान आशा व्यक्त की कि पंचायती राज मंत्रालय द्वारा पेसा ग्राम सभाओं के पदाधिकारियों के लिए शुरू किए गए क्षमता निर्माण प्रयासों से वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों से अच्छी तरह परिचित होंगे और यह पेसा के प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि पेसा की मूल भावना जनजातीय समुदायों को उनकी पारंपरिक संस्कृति और हितों को संरक्षित करते हुए विकास की मुख्यधारा में लाना है। उन्होंने सभी पेसा ग्राम सभाओं से 2 अक्टूबर 2024 से शुरू होने वाले आगामी “सबकी योजना, सबका विकास” अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लेने का आग्रह किया।