मुंबई, 26 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की संशोधन समिति ने कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को रिलीज करने से पहले कुछ हिस्सों में कट लगाने का सुझाव दिया है। बोर्ड ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया कि वह फिल्म ‘इमरजेंसी’ को प्रमाण पत्र जारी करने को तैयार है लेकिन फिल्म के कुछ हिस्सों में काट-छांट करनी होगी। इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाने वाली और फिल्म का निर्देशन करने वाली रनौत ने सीबीएफसी पर फिल्म के रिलीज को टालने के लिए प्रमाणन में देरी करने का आरोप लगाया है। शिरोमणि अकाली दल सहित सिख संगठनों ने फिल्म की आलोचना की है, जिनका आरोप है कि यह ऐतिहासिक तथ्यों और सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश करती है। इस मामले की सुनवाई गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के खंडपीठ के समक्ष हुई। पीठ ने सीबीएफसी से पूछा कि क्या उसके पास फिल्म के लिए “अच्छी खबर” है। सीबीएफसी के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि बोर्ड की संशोधन समिति ने अपना फैसला ले लिया है। उन्होंने कहा, “समिति ने प्रमाणपत्र जारी करने और फिल्म को रिलीज करने से पहले कुछ कटौतियों का सुझाव दिया है।”
ज़ी एंटरटेनमेंट का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील शरण जगतियानी ने फिल्म “इमरजेंसी” के लिए प्रस्तावित कटौतियों पर निर्णय लेने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। इसके बाद पीठ ने अगली सुनवाई 30 सितंबर के लिए निर्धारित की। ज़ी एंटरटेनमेंट की याचिका में दावा किया गया कि सीबीएफसी ने फिल्म के लिए प्रमाणपत्र को पहले ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन इसे जारी नहीं किया।
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