-प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी रीना कुजूर ने दर्ज कराई घोटाले की प्राथमिकी
रामगढ़, 26 सितंबर (हि.स.)। जिले के रांची रोड मरार स्थित झारखंड राज्य निगम गोदाम के सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली पर गबन का मुकदमा दर्ज हो चुका है। डीसी चंदन कुमार के निर्देश पर प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी रीना कुजूर ने रामगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
प्राथमिकी के अनुसार, 7 करोड रुपये से अधिक का घोटाला संजीव कुमार ने सिर्फ खाद्यान्न की कालाबाजारी कर किया है। उन पर 12495.95 क्विंटल खाद्यान्न और 4.89 क्विंटल चीनी गोदाम से गायब करने का आरोप है। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत खाद्यान्न कालाबाजारी करने, सरकारी दस्तावेज को छुपाने के आरोप में संजीव करमाली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
स्पष्टीकरण का नहीं दिया जवाब, स्टॉक मिलान में मिली भारी गड़बड़ी
डीसी चंदन कुमार ने गुरुवार को बताया कि संजीव करमाली जनसेवक के पद पर थे और उन्हें वर्ष 2019 में प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक का प्रभार सौंपा गया था। प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक ने वर्तमान माह के आवंटित खाद्यान्न, आगामी माह के लिए प्राप्त खाद्यान्न से लगातार निर्गत किया था। इसके कारण आवंटित माह के लिए झारखंड राज्य निगम गोदाम से खाद्यान्न के उठाव में अनावश्यक विलंब हो रहा था।
इस संदर्भ में विभिन्न पत्रों, मासिक समीक्षा बैठकों के माध्यम से अद्यतन इन वर्ड रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर, सेल रजिस्टर जिला कार्यालय में सत्यापन करने का निर्देश दिया गया था लेकिन उनके द्वारा उक्त रजिस्टर का सत्यापन नहीं कराया गया। अंततः कार्यालय में उपलब्ध प्रभार प्रतिवेदन, प्रभार के पश्चात एफसीआई से जीएसएफसी के गोदाम में आगत खाद्यान्न, डीएसडी के तहत जीएसएफसी के गोदाम से डीलर के गोदाम तक निर्गत खाद्यान्न आदि का मिलान ऑनलाइन रिपोर्ट से करते हुए गोदाम में भंडारित खाद्यान्न आदि की वास्तविक मात्रा के साथ 18 सितंबर को पूरी जांच की गई।
औचक निरीक्षण के दौरान नहीं प्रस्तुत किए गए कोई दस्तावेज
प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी रीना कुजूर ने वरीय अधिकारियों की उपस्थिति में निरीक्षण किया। गोदाम में उपस्थित प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक से पंजी की मांग करने पर उन्होंने देने से साफ इनकार किया। साथ ही पंजी घर पर रहने की बात कही गई। इस निरीक्षण के दौरान गोदाम में भंडार खाद्यान्न का सत्यापन प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली की उपस्थिति में की गई।
कितना मिला खाद्यान्न और कितना था गायब
सत्यापन के दौरान गोदाम में 541.19 क्विंटल गेहूं, 2214.58 क्विंटल चावल, 32.93 क्विंटल चना, 604.25 क्विंटल नमक और 142.50 क्विंटल चीनी का बोरा पाया गया। इस दौरान 12495.95 क्विंटल गेहूं और चावल तथा लगभग 5 क्विंटल चीनी गायब पाया गया।
नहीं दिया जवाब, स्टॉक में मिली गड़बड़ी
जिला आपूर्ति पदाधिकारी के कार्यालय से 20 सितंबर को संजीव करमाली को पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया था। गोदाम से इंवार्ड रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर से रजिस्टर के साथ उपस्थित होने का भी निर्देश दिया गया था। इसके बाद भी संजीव करमाली के द्वारा ना तो पंजी दिखाया गया, ना ही स्पष्टीकरण का जवाब समर्पित किया गया। 21 सितंबर को उनके द्वारा लिखित अभ्यावेदन के माध्यम से खाद्यान्न मिलन के लिए तीन दिनों का समय भी मांगा गया, जिसके आलोक में 23 सितंबर को कार्यालय में उपस्थित हुए।
सहयोगी के रूप में गोला प्रखंड के प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक छात्रधारी महतो और मांडू प्रखंड के सहायक गोदाम प्रबंधक ज्ञानी प्रताप भारती के द्वारा मिलान के पश्चात अंतर पाए जाने के बाद खाद्यान्न आदि का त्रुटि और निराकरण किया गया। फलस्वरुप खाद्यान्न आदि का मिलान के उपरांत प्रतिवेदन भी पर हस्ताक्षर किया गया। आवंटित खाद्यान्न आदि के विरुद्ध निर्गत के पश्चात अवशेष मात्रा के अनुसार चावल और गेहूं कल 12495.95 क्विंटल तथा चीनी 4.89 क्विंटल गोदाम में नहीं पाया गया। संजीव करमाली के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत खाद्यान्न कालाबाजारी गोदाम से संबंधित सरकारी दस्तावेज को छुपाने आदि मामले में सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।