जेल में गैंगस्टर लॉरेंस का इंटरव्यू करवाने वाले अफसरों को पंजाब सरकार ने थमाया नोटिस

चंडीगढ़, 24 सितंबर (हि.स.)। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मास्टर माइंड गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की पुलिस हिरासत में इंटरव्यू के मामले में पंजाब सरकार ने चार पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। पंजाब सरकार की तरफ से मंगलवार को हाई कोर्ट में इस केस की सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी गई।

गैंगस्टर लॉरेंस इस समय गुजरात की जेल में नशा तस्करी से जुड़े केस में बंद है। उसे अहमदाबाद के साबरमती में हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है। हाल ही में उसके पाकिस्तानी डॉन से ईद की बधाई को लेकर वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग भी वायरल हुई थी। लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था, जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी।

हाई कोर्ट में आज इस केस की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने बताया कि इस मामले में अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उस समय के एसएपी, एसपी, डीएसपी और तत्कालीन सीआईए इंचार्ज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह बात पहले ही साफ हो चुकी है कि पहला इंटरव्यू सीआईए खरड़ और दूसरा इंटरव्यू राजस्थान में हुआ है। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि जिन अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, वह इस समय कहां पर तैनात है। इस पर सरकार ने कहा कि कार्रवाई शुरू हो गई है। जैसे उनका जवाब आएगा, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अदालत ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ दी गई जानकारी एफिडेविट के रूप में दी जाए। अदालत ने खरड़ सीआईए के इंचार्ज शिव कुमार के बारे में विशेष तौर पूछा कि वह कहां पर तैनात है। सरकारी वकील ने कहा कि वह रिटायर हो चुके हैं। उन्हें एक्सटेंशन दी गई है। अदालत ने पूछा कि एक्सटेंशन किस आधार पर दी गई है, इस बारे में विस्तार बताया जाए। इस बारे में इंटरव्यू के खिलाफ पिटीशन दायर करने वाले वकील गौरव ने कहा कि आज सुनवाई में साफ हो गया कि पंजाब पुलिस में काली भेड़े हैं, जिन्होंने यह इंटरव्यू करवाया था।

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