नई दिल्ली, 24 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) ने ‘रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स’ सूचकांक के लिए विभाग के अतिरिक्त सचिव भरत खेड़ा की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है। यह इंडेक्स उपभोक्ताओं को उनके इलेक्ट्राॅनिक समान के रिपेयर के बारे में अधिक पारदर्शिता के साथ जानकारी देगा और टिकाऊ प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देगा।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का कहना है कि उम्मीद है कि समिति उन नीतियों/नियमों/दिशा निर्देशों के लिए सक्षम ढांचे की सिफारिश करेगी, जिससे मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में मौजूदा नियामक प्रावधानों को मजबूती मिलेगी। समिति 15 नवंबर तक भारतीय संदर्भ में रिपेयरेबिलिटी क्षमता से जुड़े सूचकांक के लिए एक रूपरेखा सहित एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
उल्लेखनीय है कि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में रिपेयर के अधिकार पर 29 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई थी। इसमें ‘रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स’ की रूपरेखा के संदर्भ में आम सहमति स्थापित करने के लिए उद्योग हितधारकों को एक साथ लाया गया था। ‘रिपेयरेबिलिटी इंडेक्स’ का उद्देश्य उत्पाद डिजाइन में दीर्घायु को बढ़ावा देना और मरम्मत की जानकारी को लोकतांत्रिक बनाने के साथ-साथ उत्पादों के बंद होने के बाद भी स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता तक पहुंच सुनिश्चित करना है।