भारत मेरा स्थायी घर, तिब्बत के पहाड़ों जैसे ही दिखते हैं धौलाधार के पहाड़ : दलाई लामा

धर्मशाला, 24 सितंबर (हि.स.)। बौद्ध धर्म के प्रमुख धर्मगुरू दलाई लामा ने कहा कि भारत को वह अपना स्थायी घर मानते हैं। उन्होंने कहा कि भारत देश और खासकर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हुए उन्हें हमेशा अपने घर जैसा ही महसूस हुआ है। धर्मगुरू ने यह विचार मंगलवार को कांगड़ा जिला के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मुलाकात के दौरान रखे। दलाई लामा ने इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए।

उन्होंने कहा कि वह भारत को अपना स्थायी घर मानते हैं। विशेष रूप से धर्मशाला की सुंदरता, जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती है उन्हें भी काफी आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि मुझे यहां तिब्बत जैसा ही नजारा देखेन को मिलता है। धौलाधार जैसे पहाड़ तिब्बत के पहाड़ों से मिलते जुलते हैं और पोंग बांध तिब्बत में ल्हामो ल्हात्सो झील जैसा दिखता है। दलाई लामा ने इस दौरान बौद्ध दर्शन में वैज्ञानिक समुदाय की बढ़ती रुचि का भी उल्लेख किया।

दलाई लामा के निवास पर आज सुबह कांगड़ा उपायुक्त हेमराज बैरवा (आई.ए.एस.), अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल (आई.ए.एस.), अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट डॉ. हरीश गज्जू (एच.ए.एस.) और सब डिविजनल मजिस्ट्रेट संजीव भोट (एच.ए.एस.) सहित वरिष्ठ जिला अधिकारियों ने मुलाकात कर धर्मगुरू का आशीर्वाद लिया।

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