बीजापुर/रायपुर, 22 सितंबर (हि.स.)। आतंक का रास्ता को छोड़कर शनिवार देर शाम आठ इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है ।
आत्मसमर्पित नक्सलियों में 8 लाख रुपये का इनामी प्लाटून नंबर 12 का कमांडर, दो लाख रुपये की इनामी प्लाटून नंबर 2 की पार्टी सदस्या, एक लाख रुपये के इनामी जनताना सरकार अध्यक्ष कुल 11 लाख रुपये के तीन इनामी नक्सलियों सहित कुल 8 माओवादियों शामिल है। अब तक बीजापुर में इस साल 178 नक्सलियों ने सरेंडर किया है
पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि माओवादियों की भेदभाव पूर्ण नीति, उपेक्षा, माओवादियों के जीवन शैली व विचारधारा से क्षुब्ध होकर और छग शासन की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति तथा छग शासन की ओर से चलाये जा रहे नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर इन्होंनेआत्मसमर्पण किया है।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि कुल 8 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन नक्सलियों में तीन इनामी माओवादी हैं।इनमें महिला नक्सली नक्सली उसूर और पामेड़ इलाके में सक्रिय थी।महिला कैडर मंगली पोटाम प्लाटून नंबर 2 का हिस्सा थी। इसके अलावा आयतु कोर्सा मनकेली जनताना सरकार दस्ते का प्रमुख था। पोटाम और कोर्सा पर क्रमशः 2 लाख रुपये और 1 लाख रुपये का नकद इनाम था।आत्मसमर्पित नक्सली चंदर कुरसम माओवादियों की प्लाटून नंबर 12 का कमांडर था।उसके ऊपर आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह साल 2003 से प्रतिबंधित नक्सल संगठन से जुड़ा था। साल 2008 के मोदकपाल टुंकीगुट्टा नक्सल हमले में वह शामिल रहा है। इसमें 10 जवान शहीद हुए थे। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति का फायदा मिलेगा। सरेंडर करने पर इन आठों नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।