शारदीय दुर्गा पूजा के अवसर पर कामाख्या धाम पूजा दर्शन कार्यक्रम में बदलाव

गुवाहाटी, 21 सितंबर (हि.स.)। कामाख्या मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। शारदीय दुर्गा पूजा कामाख्या धाम का विशेष उत्सव है। नवरात्र के समय कामाख्या मंदिर में कुल 15 दिनों का उत्सव होता है। यह आयोजन कृष्ण नवमी से शुरू हो जाता है और शुल्क पक्ष नवमी में समाप्त होता है। इसलिए इसे पखुआ पूजा भी कहा जाता है। कामाख्या धाम में 25 सितंबर से पूजा शुरू होने वाला है। पूजा के पहले दिन कामाख्या मंदिर का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन नव्मयति कल्पारंभ पूजा होगी। हर साल की तरह इस साल भी मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है और मंदिर के कपाट खुलने और बंद होने का कार्यक्रम तय कर दिया गया है।

25 सितंबर को कृष्ण नवमी पूजा के अवसर पर दोपहर 2 बजे मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे। भक्तों को दैनिक पूजा के बाद मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। पहले दिन केवल 2000 श्रद्धालु ही गर्भगृह में प्रवेश कर देवी के दर्शन कर सकेंगे। सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक उपलब्ध होगा। इस दिन कोई विशेष दर्शन (वीआईपी/वीवीआईपी) व्यवस्था नहीं होगी, जिसकी घोषणा मंदिर अधिकारियों ने पहले ही कर दी है।

26 सितंबर से 9 अक्टूबर तक मंदिर के कपाट रोजाना सुबह 8:30 बजे खोले जाएंगे और दोपहर में देवी को प्रसाद चढ़ाया जाएगा और शाम को आरती होगी। इन दिनों विशेष दर्शन सीमित रहेंगे। 10 अक्टूबर को होने वाली सप्तमी पूजा के दिन सुबह 10 बजे मंदिर के दरवाजे खोले जाएंगे। दोपहर में भोग और आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और इस दिन विशेष दर्शन भी नहीं होंगे।

11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी की पूजा एक साथ होगी। इस दिन दोपहर 1:30 बजे मंदिर के दरवाजे खोले जाएंगे और कुल 3000 भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति होगी। भक्त सुबह देवी के अभिषेक के बाद देवी के दर्शन कर सकते हैं और सुबह 10 बजे से दूसरे द्वार से दर्शन उपलब्ध होंगे। 12 अक्टूबर को दशमी पूजा होगी और उस दिन सुबह 10 बजे मंदिर के दरवाजे खुलेंगे। दोपहर 1 बजे तक प्रसाद जारी रहेगा और फिर मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे।

मंदिर के पदाधिकारियों ने भक्तों से पूजा के दौरान कार्यक्रम और नियमों का पालन करने का अनुरोध किया है, ताकि पूजा सुचारू रूप से हो सके और सभी भक्त आराम से पूजा में भाग ले सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *