मुंबई, 20 सितंबर (हि. स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पीएम विश्वकर्मा योजना की वर्षगांठ के अवसर पर बनाये गये थीम मंडप में अंतरराष्ट्रीय स्तर की 18 कला कृतियों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों से बातचीत की और उनसे आवश्यक जानकारी ली। यह प्रदर्शनी 21 और 22 सितंबर को जनता के लिए खुली रहेगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों को पहचान दिलाने और उनके समग्र विकास के लिए पी.एम.-विश्वकर्मा योजना लागू की गई थी। इस योजना का वार्षिक समारोह आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना के आकर्षक कार्यों का निरीक्षण करते हुए कारीगरों की सराहना की।
प्रदर्शनी में शामिल कलाकृतियों में उत्तराखंड राज्य से जैम्बुन निशा (माला निर्माता), बिहार से सिंटू कुमार (गुडिय़ा और खिलौना निर्माता), नागालैंड से अखिरिली किरहा (बढ़ई), मध्य प्रदेश से रामनाथ सिंह गुजर (मूर्तिकार), सतीश के.सी. केरल राज्य से. (गोल्डस्मिथ), ओडिशा से सुदीप्त दास (मत्सजले कारीगर), झारखंड से गोपाल माडिया (लोहार), आंध्र प्रदेश से एम. हरिकृष्ण (नाई), छत्तीसगढ़ से कांतिबाई साहू (टोकरी बनाने वाली), असम से उपेन्द्र बरुहा (राजमिस्त्री), तेलंगाना से महराजू लक्ष्मी (धोबी), पंजाब से कमल कुमार (मोची), उत्तर प्रदेश से राजाराम (कुम्हार), जम्मू से अब्दुल और कश्मीर से मजीद भट (नाव निर्माता), महाराष्ट्र से कीर्ति संतोषराव रावेकर (दर्जी), कर्नाटक से शेखरप्पा कम्म (बंदूक), राजस्थान से भोला लौहर (हथौड़ा और टूल किट निर्माता) और गुजरात राज्य से कमलेशभाई परमार (ताला निर्माता) शामिल हैं।