नारायणपुर, 20 सितंबर (हि.स.)। जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति/नियत नेल्लानार एवं वर्ष 2024 से सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलियों के गढ़ क्षेत्रों में आक्रामक रणनीति के तहत नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाव’’ अभियान से नक्सलियाें में भय व्याप्त हाे गया है। जिसके परिणाम स्वरूप कुतुल एरिया कमेटी अन्तर्गत आलबेड़ा मिलिशिया सेक्शन डिप्टी कमाण्डर के पद पर वर्ष 2021 से कार्यरत नक्सली बुधराम उर्फ बुधु पोयाम निवासी ग्राम कंदाड़ी थाना कोहकामेटा ने आज शुक्रवार काे पुलिस अधीक्षक कार्यालय नारायणपुर में पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, अति.पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया, उप पुलिस अधीक्षक लौकेश बंसल, एवं डॉ. प्रशांत देवांगन के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पित नक्सली को शासन की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत 25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया है।
नारायणपुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 में क्षेत्र में चलाये गये नक्सल विरोधी अभियान में अब तक 34 बड़े एवं मध्यम कैडरों के नक्सलियों को सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ में मार गिराया गया है। नक्सलियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई से नक्सलियों में भय व्याप्त है तथा बड़ी संख्या में नक्सली संगठन छोड़कर भाग रहे हैं। जिला नारायणपुर में वर्ष 2024 में अब तक कुल 13 नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया जा चुका है। आज शुक्रवार को कुतुल एरिया कमेटी अन्तर्गत मिलिशिया डिप्टी कमाण्डर नक्सली बुधराम उर्फ बुधु पोयाम निवासी ग्राम कंदाड़ी का आत्मसमर्पण इसी का परिणाम है। आत्मसमर्पित नक्सली बुधराम उर्फ बुधु पोयाम नक्सलियो के बहकावे में आकर नक्सली संगठन में शामिल रहे हैं। अंदरूनी क्षेत्र में पुलिस कैम्प खुलने एवं लगातार नक्सल विरोधी अभियान संचालित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है और नक्सलियों के खोखले विचारधारा व क्रूर नीति से बाहर निकलकर समाज के मुख्य धारा से जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहें है। आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की गोपनीय आसूचना है।
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने नक्सल संगठन से जुड़े ग्राम स्तर/पंचायत स्तर/एरिया स्तर के सभी नक्सली कैडरों से अपील किया गया कि वे भय मुक्त होकर नक्सलियों के खोखले विचारधारा एवं हथियार का पूणर्तः त्याग कर आत्मसमर्पण कर शासन की पुर्नवास योजना का लाभ लेवें और समाज की मुख्य धारा में जुड़कर नये जीवन की शुरूवात करें। आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की ‘‘नक्सल उन्मूलन नीति’’ के तहत सभी प्रकार की सुविधाये प्रदाय की जायेगी।
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