ढाका, 20 सितंबर (हि.स.)। बांग्लादेश में हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद ने आगामी 21 सितंबर को ढाका सहित पूरे देश में विरोध प्रदर्शन और रैली आयोजित करने की घोषणा की है। यह जानकारी परिषद के अध्यक्ष निर्मल रोज़ारियो ने गुरुवार को सिगुनबागिचा स्थित ढाका रिपोर्टर्स यूनिटी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। इसके साथ ही उन्होंने शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद देशभर में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाएं और आंकड़े प्रस्तुत किए।
निर्मल रोज़ारियो के मुताबिक 04 अगस्त से 20 अगस्त तक बांग्लादेश के 68 जिलों और मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में कुल 2010 साम्प्रदायिक हमलों की घटनाएं हुईं। इन हमलों में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1705 परिवारों को सीधा नुकसान पहुंचा। निर्मल रोज़ारियो ने इन 16 दिनों के दौरान हुई साम्प्रदायिक हिंसा की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि 157 परिवारों के घरों पर हमले, लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी की गई, वहीं उनके व्यवसाय को भी नुकसान पहुंचाया गया।
सबसे अधिक हमले बांग्लादेश के खुलना डिवीजन में हुए, जहां चार महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं भी सामने आईं। 1705 प्रभावित परिवारों में से 35 परिवार आदिवासी समुदाय से हैं, जिनके घरों को लूटा गया, तोड़ा गया और आग के हवाले कर दिया गया। इसके अलावा, 69 धार्मिक स्थलों पर भी हमले, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं।
निर्मल रोज़ारियो ने संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षण में इस हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। साथ ही हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद के महासचिव एडवोकेट राणा दासगुप्ता और अन्य नेताओं के खिलाफ दायर झूठे मुकदमे वापस लेने और पूरे देश में जारी साम्प्रदायिक हिंसा समाप्त करने की मांग के साथ, निर्मल रोज़ारियो ने 21 सितंबर को शाम चार बजे देशव्यापी विरोध और सभा की घोषणा की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में परिषद के अध्यक्ष डॉ. निम चंद्र भौमिक, कार्यवाहक महासचिव मनींद्र कुमार नाथ, सदस्य रंजन कर्मकार, भिक्षु सुनंद प्रिय और संगठन सचिव एडवोकेट दीपंकर घोष भी उपस्थित थे।