नई दिल्ली, 19 सितंबर (हि.स.)। चीता परियोजना के तहत अगले दस सालों में इस परियोजना का तीन से पांच स्थानों पर विस्तार किया जाएगा। इसके साथ केन्द्र सरकार ने अगले 25 वर्षों में अतंर-राज्यीय चीता संरक्षण परिसर का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है।
गुरुवार को जारी ‘प्रोजेक्ट चीता’ की 2023-24 की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के कूनों राष्ट्रीय उद्यान के साथ अब आने वाले दिनों राजस्थान के गांधी सागर परिक्षेत्र में चीतों के नए समूह को लाया जाएगा।
प्रोजेक्ट चीता के तहत गांधी सागर में चीता लाने की कार्य योजना के अनुसार पहले चरण में पांच से आठ चीतों को 64 वर्ग किलोमीटर के शिकारी-रोधी बाड़ वाले क्षेत्र में छोड़ा जाएगा, जिसमें प्रजनन पर ध्यान दिया जाएगा। चीता का यह समूह इसी साल के अंत तक लाए जाने की संभावना है।
मौजूदा समय में कूनो परिक्षेत्र में 24 चीते हैं जिसमें 12 वयस्क और 12 शावक हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कूनो में कुल 6800 वर्ग किमी भूमि में से चीता आवास 3200 वर्ग किमी है। अगले दस वर्षों की अवधि में चीता संरक्षण के लिए तीन से पांच स्थलों को विकसित किया जाएगा। राजस्थान स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य, मध्य प्रदेश में तैयारियों में 28 किमी का बाड़े का निर्माण शामिल है। चीतों की प्रारंभिक रिहाई के लिए 64 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए लंबी शिकारी रोधी बाड़, पशु चिकित्सा, निगरानी और सुरक्षा बुनियादी ढांचे का काम लगभग पूरा होने वाला है।
उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर को ‘प्रोजेक्ट चीता’ के दो वर्ष पूरे हुए। 17 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में छोड़ा था। इनमें 5 मादा और 3 नर चीते शामिल थे। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीतों को लाया गया था। चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था।