नई दिल्ली, 17 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम माझी ने मंगलवार को एमएसएमई क्षेत्र में सरकार की 100 दिनों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। उद्योग भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में जीतन राम मांझी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र ने राष्ट्रव्यापी आर्थिक विकास, रोजगार सृजन के अवसर पैदा करने और उद्यमशीलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले 100 दिनों में, भारत सरकार ने एमएसएमई को सशक्त बनाने और उनके सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और प्रभावशाली पहल को लागू किया है। इस दौरान एमएसएमई की विभिन्न नई योजनाओं से करीब 21 करोड़ लोगों के लिए रोजगार सृजन किया गया है।
जीतन राम ने बताया कि पिछले 100 दिनों में एमएसएमई ने कई नई पहल की शुरुआत की है, जिसके केन्द्र में महिलाएं और युवा रहे हैं। महिलाओं के लिए यशस्विनी अभियान की शुरुआत की गई, जिसके तहत 4000 महिलाओं को सशक्त किया गया है। इसके साथ महिलाओं के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम की शुरुआत की गई, जिसके तहत 4.5 लाख महिला उद्यमी लाभान्वित हुई हैं। इसके साथ महिलाओं के लिए एक औऱ स्कीम क्रियेट है, जिसमें उद्यमियों को डिजीटल रूप से सशक्त बनाया जा रहा है, जिसमें 50 प्रतिशत महिलाएं हैं।
उन्होंने बताया कि उद्यमियों को प्रशिक्षण देने के लिए देश में 2800 करोड़ रुपये की लागत से 14 नए तकनीक केन्द्र खोले गए हैं। राज्य सरकारों के साथ कई समझौते किए गए हैं। भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय और संयुक्त राज्य अमेरिका के स्मॉल बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए आपसी सहयोग स्थापित करना है।
जीतन राम मांझी ने कहा कि पिछले 100 दिनों में जेडईडी 2.0 प्रमाणन योजना, एमएसएमई हैकाथॉन 4.0, लेह में पश्मीना ऊन प्रसंस्करण केंद्र की शुरुआत की गई है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने बताया कि विश्वकर्मा योजना के तहत अब तक 20 लाख लोगों को पंजीकृत किया गया है। इसमें से 8.5 लाख लोगों को छह दिन की विशेष ट्रेनिंग दी गई है और 6.50 लाख लोगों को टूलकिट बांटे गए हैं।