सड़क खराब हाेने से तेल टैंकरों ने की हड़ताल, मिजोरम में ईंधन का घोर संकट

आइजोल, 17 सितंबर (हि.स.)। पेट्रोलियम उत्पादों को लेकर मिजोरम आने वाले टैंकरों की हड़ताल के कारण राज्य में पेट्रोलियम उत्पादों का घोर संकट उत्पन्न हो गया है। राज्य के पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लगी देखी जा रही हैं। खासकर राजधानी आइजोल के प्रायः सभी पेट्रोल पंपों पर पेट्रोलियम पदार्थों का स्टॉक लगभग समाप्त हो चुका है। टैंकरों ने अपनी यह हड़ताल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 306 और 6 के खस्ताहाल होने के कारण शुरू की है।

मिजोरम ऑयल टैंकर ड्राइवर्स एसोसिएशन (एमओटीडीए) और पेट्रोलियम एंटरप्रेन्योर्स एंड ट्रांसपोर्टर्स यूनियन ऑफ मिजोरम (पीईटीयूएम) ने संबंधित राष्ट्रीय राजमार्गों के तत्काल मरम्मत की मांग करते हुए 17 सितंबर से राज्य में टैंकरों के परिचालन को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का पहले ही आह्वान किया था।आज टैंकरों का परिचालन रुक जाने के कारण मिजोरम में ईंधन की कमी हो गयी है।

इसी बीच, मिजोरम के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति को लेकर चिंतित नहीं हों। सरकार अन्य जिलों से पेट्रोल, डीजल मंगवाने की व्यवस्था कर रही है। एमओटीडीए और पीईटीयूएम के अधिकारियों ने बीते 13 सितंबर की शाम को आइजोल में हुई बैठक में टैंकरों को रोकने का फैसला लिया था। बैठक में दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 306 व 6 की खस्ताहालत पर चिंता व्यक्त की थी। खराब सड़कों पर चलने वाले लोड ट्रक, कंटेनर, तेल टैंकर की हालत बेहद खराब हो गई है।

इस दौरान कौनपुई और सैरांग शहर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई टैंकर भारी कीचड़युक्त रास्ते में फंस गए। नतीजतन, राज्य के कई पेट्रोल पंपों पर ईंधन खत्म हो गया है। पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही और टैंकर नहीं पहुंचे तो एक-दो दिनों में पंपों को बंद करना पड़ेगा। उनका आरोप है कि सरकार की ओर से रास्तों को बेहतर बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

इसी बीच सोमवार को मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने टैंकर चालक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सड़कों की मरम्मत करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य में हो रही लगातार भारी बारिश तथा भूमि स्खलन के कारण सड़कों की स्थिति खराब हो गई है। सरकार इसे शीघ्र ही ठीक करने की व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद टैंकर चालकों ने टैंकरों का परिचालन शुरू नहीं किया। जिस कारण स्थिति और अधिक जटिल हो गई है।

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