कन्नौज, 16 सितंबर (हि.स.)। जनपद में किशोरी से सपा नेता द्वारा दुष्कर्म के चर्चित प्रकरण को लेकर पुलिस ने जांच की प्रक्रिया तकरीबन पूरी कर ली है। अब सभी तथ्यों को एकत्र कर चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी है। प्रकरण में सह आरोपी पीड़िता की बुआ तथा सपा नेता नवाब के भाई नीलू की रिमांड मिलने के बाद चार दिन पहले दोनों से पूछताछ की जा चुकी है। इसके साथ ही माना जा रहा है कि जल्द ही केस को न्यायिक प्रक्रिया में डाला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बीती 11 अगस्त की रात चौधरी चंदन सिंह महाविद्यालय से वहां के अध्यक्ष व पूर्व ब्लाक प्रमुख नवाब सिंह यादव को पुलिस ने किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया था। मामला हाई प्रोफाइल होने से शासन की तरफ से भी सख्ती थी, तो प्रशासन ने भी इसका संज्ञान लिया था।
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पीड़िता की बुआ ने घूम-घूमकर बयानबाजी करके नगर के कुछ सपा नेताओं के नाम इस कांड में ले डालें। फिर जब पीड़िता के दादा-दादी और माता-पिता आए तो केस का रुख ही बदल गया। पीड़िता ने पहले तो नवाब पर आरोप लगाए और फिर मुकरने के लिए पीड़िता को मेडिकल कराने से मना करने के लिए कह दिया। माता ने अपनी ननद पर गंभीर आरोप लगाए, तो पुलिस ने बुआ को भी सह आरोपी बना दिया।
इसके बाद बुआ फरार हो गयी। पुलिस ने तमाम प्रयास के बाद उसे 21 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में नवाब के भाई पर आरोप लगाया कि उसके द्वारा रुपयों का लालच दिया गया था इसलिए उसने पीड़िता को मेडिकल कराने से मना करने तथा बयान बदलने को कहा था। पुलिस की छानबीन में भी बुआ के किसी परिचित के खाते में चार लाख रुपये भेजे जाने की बात सामने आई और फिर नीलू को भी आरोपी बना दिया गया।
इसके साथ पुलिस ने नीलू की खोज में दबिशें डालीं, लेकिन सफलता नहीं मिली तो 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया। पुलिस को चकमा देकर नीलू ने तीन सितंबर को कोर्ट में समर्पण कर दिया। इसके बाद पुलिस ने बुआ और नीलू की एक साथ रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी डाली। जिस पर अनुमति मिलने के बाद दोनों से 10 सितंबर को पूछताछ करके तथ्य जुटाए गए। दोनों से आमने सामने बात करके तथ्यों की पुष्टि भी की गयी। इस सारी प्रक्रिया के पूरा हो जाने के बाद पुलिस मामले को आपरेशन कन्विक्शन के तहत निर्णीत कराने के प्रयास में जुटेगी।
इस संबंध में सीओ सिटी कमलेश कुमार ने साेमवार काे बताया कि केस की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। पुलिस के पास इलेक्ट्रानिक समेत फोरेंसिक, किशोरी के बयान आदि पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं। तीन दिन के भीतर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी जाएगी तथा फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस की मजबूत पैरवी करके पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाने का प्रयास किया जाएगा।