मुंबई, 14 सितंबर (हि. स.)। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को मुंबई में कहा कि भारत के विकास में पारसी समुदाय का बहुत बड़ा योगदान है। जियो पारसी योजना के माध्यम से इस समुदाय की सांस्कृतिक विरासत, शिक्षा, जनसंख्या वृद्धि और रोजगार के अवसरों पर जोर दिया जाएगा।
किरेन रिजिजू शनिवार को केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में आयोजित जियो पारसी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे । किरेन रिजिजू ने कहा कि जियो पारसी कार्यशाला पारसी समुदाय की सामाजिक समस्याओं पर चर्चा और उनके समाधान के लिए उपयोगी होगी। इस कार्यशाला के माध्यम से केंद्र सरकार चिकित्सा सहायता, प्रजनन समस्याओं वाले जोड़ों की काउंसलिंग, सामुदायिक स्वास्थ्य आदि जैसे उपायों पर जोर दे रही है। कार्यशालाओं, शिविरों और प्रिंट के साथ-साथ सोशल मीडिया के माध्यम से जियो पारिश्रमिक योजना को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
राज्य के अल्पसंख्यक विकास मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि जियो पारसी योजना पारसी समुदाय के विकास के लिए केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना को प्रदेश में सफल बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। जियो पारसी योजना का उद्देश्य वित्तीय सहायता, शैक्षिक सहायता प्रदान करना है। यह पारसी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है। पारसी समुदाय को आगे आकर इस योजना का लाभ उठाना चाहिए। राज्य सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इस योजना को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की उपमहानिदेशक ऋचा शंकर, अल्पसंख्यक विकास विभाग की प्रधान सचिव ऋचा बागला, पारसी प्रमुख उपदेशक दस्तूरजी और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, उपाध्यक्ष केरसी के. देबू, महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे जिया खान और पारसी समुदाय के सदस्य उपस्थित थे।