स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के बाहर लगातार पांचवें दिन डटे हैं जूनियर डॉक्टर, सड़क पर ही गुजर रही रातें

कोलकाता, 14 सितंबर (हि.स.)। राज्य में चल रहे जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन सरकार के अड़ियल रुख के साथ ही और सख्त होता जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय के सामने लगातार पांच दिनों से डॉक्टर सड़कों पर जमे हुए हैं। इन्होंने चार रातें सड़कों पर ही गुजारी हैं और शनिवार को एक बार फिर सुबह से ही राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गूंज साल्ट लेक के स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय के पास सुनी जा सकती है। शुक्रवार दोपहर के बाद से ही लगातार बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है जो शनिवार सुबह तक जारी है लेकिन डॉक्टरों का हौसला कम नहीं हो रहा है। जूनियर डॉक्टरों ने भारी बारिश के बावजूद स्वास्थ्य भवन के सामने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। आसपास बैरिकेडिंग कर पुलिस भी डटी हुई है।

गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जूनियर डॉक्टरों के बीच वार्ता विफल हो गई थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ईमेल भेज कर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। आंदोलनकारियों ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी ईमेल की प्रतिलिपि भेजी है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

इधर, गुरुवार को डॉक्टर जब अपनी जिद पर अड़े रहे और मुख्यमंत्री के साथ वार्ता में शामिल नहीं हुए तो ममता बनर्जी ने साफ कर दिया था कि वह अब बैठक में शामिल नहीं होगी। शुक्रवार को डॉक्टरों को सरकार की ओर से बातचीत के लिए कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया।

——–

जूनियर डॉक्टरों का क्या कहना है?

मंगलवार शाम से ही जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक विफल होने के बाद आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने विरोध जारी रखने का निर्णय लिया। वे कोलकाता पुलिस कमिश्नर, स्वास्थ्य विभाग के सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक के सचिव के इस्तीफे की मांग रहे हैं। इसके साथ ही अभया के दोषियों की शिनाख्त कर सजा और कार्यस्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *